Ticket Knowledge : वेटिंग टिकट से आपका भी पड़ा होगा पाला, जानिए कैसे तय होतीं हैं कन्फर्म , 5 से भी ज्यादा प्रकार की होती है यह टिकट
वेटिंग लिस्ट (Waiting List) का मतलब होता है कि आपसे पहले कुछ लोग हैं. जो कतार में हैं और जब उनकी टिकट कन्फर्म हो जाएगी, तब सीट खाली रहने पर आपको सीट दी जाएगी. वेटिंग लिस्ट अगर बहुत लंबी हो तो कन्फर्म टिकट (Ticket Knowledge) मिलना काफी मुश्किल होता है. वहीं, छोटी वेटिंग लिस्ट आने पर आपके टिकट कन्फर्मेशन के चांस बढ़ जाते हैं. यहां वैसे एक और पेंच होता है. अलग-अलग टाइप की वेटिंग लिस्ट भी यह तय करती है पहले कौन सी टिकट कन्फर्म होगी.
वेटिंग टिकट से पाला तो आपका भी पड़ा होगा. रिजर्वेशन कराने के बाद वेटिंग टिकट हाथ में आते ही मूड खराब हो जाता है और यात्रियों की सांसें अटक जाती हैं. उन्हें इंतजार होता है कि कब यह टिकट कन्फर्म हो. ऐसा नहीं है कि हर यात्री को एक ही तरह का वेटिंग टिकट दिया जाता है. रेलवे करीब 7 तरह के वेटिंग टिकट जारी करता है, जिसमें से कुछ जल्दी कन्फर्म हो जाते हैं तो कुछ टिकट पर रिजर्वेशन कन्फर्म होने में समय लग जाता है. इन सातों वेटिंग टिकट की अपनी खूबियां और खामियां भी हैं.
यह हैं टिकट के प्रकार, जानिए क्या होती है स्थितियाँ : Ticket Knowledge
GNWL- ये जनरल वेटिंग लिस्ट होती है. अगर आपकी ट्रेन से यात्रा करने वाला कोई कंफर्म्ड यात्री अपनी टिकट रद्द करेगा तो आपको उसकी सीट दे दी जाएगी. बशर्ते आपसे पहले वेटिंग लिस्ट में कोई और न हो.
TQWL- तत्काल में टिकट बुक करने के बावजूद वेटिंग मिलने पर उसे तत्काल वेटिंग लिस्ट (TQWL) कहा जाता है. इस टिकट के कंफर्म होने की संभावना बहुत कम होती है.
PQWL- पूल्ड कोटा वेटिंग लिस्ट. ये लिस्ट जनरल लिस्ट से अलग होती है. इसमें वह यात्री डाले जाते हैं जो शुरुआती और अंतिम स्टेशन के बीच में चढ़ने-उतरने वाले होते हैं. मसलन, दिल्ली से कोलकाता जा रही ट्रेन में से लखनऊ से ट्रेन पकड़कर पटना में उतरने वाले यात्री.
RLWL- रिमोट लोकेशन वेटिंग लिस्ट. छोटे स्टेशनों को ट्रेन में सीट का कोटा मिलता है. ये स्टेशन दूर-दराज के इलाकों में होते हैं और वहां से ट्रेन पकड़ने वाले इस लिस्ट में डाले जाते हैं. इसके कंफर्म होने की संभावना काफी अधिक होती है.
RSWL- ऐसी वेटलिस्ट जो ट्रेन के शुरुआत वाले स्टेशन से मिलती है उसे रोड साइट वेटलिस्ट कहा जाता है. मसलन, नई दिल्ली-रांची राजधानी में दिल्ली से ट्रेन बोर्ड करने वाले को इस वेटिंग लिस्ट में डाला जाएगा.
NOSB- नो शीट बर्थ. ये दरअसल वेटिंग लिस्ट नहीं है. ये टिकट का एक टाइप है जिसमें 12 साल से कम उम्र के बच्चों को आधा किराया लेकर सफर करने की अनुमति मिलती है. हालांकि, इसमें सीट नहीं दी जाती है.
RAC- रिजर्वेशन अंगेस्ट कैंसिलेशन. इसमें 1 ही सीट 2 यात्रियों को आधी-आधी दी जाती है. जैसे ही कोई कंफर्म टिकट कैंसिल होती है सबसे पहले इन्हीं लोगों की टिकट कंफर्म की जाती है और पूरी सीट दे दी जाती है. इसके कंफर्म होने की संभावना सबसे अधिक होती है.