त्रिपुरा में भाजपा को एक और झटका, भाजपा विधायक ने निर्दलीय किया नामांकन
त्रिपुरा में भारतीय जनता पार्टी (BJP ) के विधायक अतुल देबबर्मा ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने आगामी चुनावों (Tripura Assembly Election) के लिए टिकट से वंचित किए जाने के बाद पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने खोवाई जिले में अपने गृह निर्वाचन क्षेत्र कृष्णपुर के लिए एक निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन पत्र दाखिल किया. उन्होंने कहा, ‘मैंने त्रिपुरा विधानसभा के अध्यक्ष को अपना इस्तीफा पहले ही भेज दिया है और भाजपा से इस्तीफा दे दिया है.’
डॉक्टर देबबर्मा का नाम इस बार आश्चर्यजनक रूप से उम्मीदवारों की सूची से हटा दिया गया और उनके स्थान पर भाजपा के अनुसूचित जनजाति मोर्चा (एसटी मोर्चा) के अध्यक्ष विकास देबबर्मा को उम्मीदवार बनाया गया. देबबर्मा के अलावा भाजपा के पांच अन्य विधायक परिमल देवबर्मा, मिमी मजुमदार, बीरेंद्र किशोर देवबर्मा, बिप्लब घोष और अरुण चंद्र भौमिक का नाम उम्मीदवारों की सूची से हटा दिया गया.
नौकरी छोड़ त्रिपुरा के लोगों के लिए कर रहा हूँ काम
देबबर्मा ने कहा, ‘मैंने दिल्ली में नौकरी छोड़ दी थी. अगर मैंने पिछला विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा होता तो मैं अपनी नौकरी जारी रख सकता था. मैं दिल्ली में रहने वाले अपने परिवार से दूर रहकर त्रिपुरा के लोगों के लिए काम कर रहा हूं.’ कृष्णपुर विधानसभा क्षेत्र के लिए भाजपा ने स्थानीय आदिवासी नेता विकास देबबर्मा को मैदान में उतारा है. अतुल देबवर्मा ने दावा किया कि पार्टी ने उन्हें यह नहीं बताया कि इस सीट के लिए ‘मेरे नाम पर विचार क्यों नहीं किया गया.’
16 फरवरी को होगा विधानसभा चुनाव,अब तक 305 नामांकन : Tripura Assembly Election
देबबर्मा ने कहा, ‘इसलिए मैंने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में कृष्णपुर निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ने के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल किया.’ गौरतलब है कि उत्तरी त्रिपुरा के धर्मनगर से भाजपा के चिकित्सक प्रकोष्ठ के प्रभारी तमोजीत नाथ और कई नेताओं ने 16 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों की सूची में अपना नाम नहीं मिलने के बाद पार्टी छोड़ दी है.त्रिपुरा में 305 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया है. राज्य भर में सोमवार को कुल 228 उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र दाखिल किया. मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) किरण गट्टि ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि चुनाव आयोग ने स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए सभी इंतजाम किए गए हैं. उम्मीदवारों द्वारा नामांकन पत्र जमा करने के दौरान हिंसा, धमकी या किसी भी तरह की कानून व्यवस्था की कोई रिपोर्ट नहीं मिली है.