Uttar Pradesh : उत्तर प्रदेश में बंद होने की कगार पर व्यापार, हो सकता है हज़ारों करोड़ का नुकसान, जानिए वजह
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में आज लगातर तीसरे दिन जी. एस. टी. की छापेमारी जारी है. वाणिज्य कर विभाग द्वारा छापेमारी से व्यापारियों में आक्रोश है. भय का माहौल बना हुआ है. व्यापारी तीन दिन से दुकानों में ताला डाले हुए हैं. बताया जा रहा है कि वाणिज्य विभाग पिछले रिकार्ड तक मांग रहा है. सबसे ज्यादा समस्या छोटे व्यापारियों को हो रही है. छोटे व्यापारियों में बहुत से व्यापारी केवल अपने रोज के जीवन चलाने भर को ही कमाते हैं. ऐसे में भारी नुकसान हो रहा है. बंद होने के कारण हजारों करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है. ऐसे में व्यापारियों का प्रदर्शन लगातार जारी है.
रिकॉर्ड कलेक्शन के बाद भी क्यों हो रही है छापेमारी :Uttar Pradesh
बताते चलें कि पिछले वर्ष वस्तु एवं सेवा कर (GST) के माध्यम से रिकॉर्ड कलेक्शन हुआ. सबसे अधिक कर पिछले वर्ष एकत्रित किया. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही बनता है कि अगर रिकॉर्ड कलेक्शन हुआ तो छापेमारी क्यों हो रही है. व्यापारियों में भी यही सवाल है कि क्यों सरकार अचानक एक्शन में आ गई. क्या सरकार कोई कोई इनपुट मिला??? या सरकार के द्वारा निरंकुश विभाग सिर्फ तानाशाही कर रहा है. ऐसे कई सवाल बने हुए हैं, लेकिन सरकार की तरफ से अब तक कोई भी जबाब नहीं आया है.
बाहरी उद्योग को प्रदेश में लाने के लिए दौड़ रहे मंत्री, अपने व्यापारियों का शोषण क्यों???
यह सवाल भी सबसे ज्यादा उठ रहा है. प्रदेश की योगी सरकार बाहरी कंपनी को लाने के लिए बराबर प्रयास कर रही है. सरकार के मंत्री बाहरी उद्योग के लिए बराबर दौड़ लगा रहे हैं. ऐसे में सवाल यही बनता है कि आखिर क्यों सरकार अपने प्रदेश के छोटे व्यापारियों पर शिकंजा कस रही है. विपक्ष के तमाम नेताओ द्वारा इस बात को लेकर प्रश्न खड़ा किया है. प्रदेश में कई जगह प्रदर्शन चल रहे हैं. कई व्यापारिक संगठनों नें कहा कि व्यापारियों ने समय समय पर सरकार का सहयोग किया उसके बाद भी नाजायज सताया जा रहा है.
बिना कारण छापेमारी का लाभ लेकर सक्रिय हो गए टप्पेबाज
प्रदेश में बिना किसी कारण और बिना किसी नोटिस के वाणिज्य विभाग की छापेमारी चल रही है. कुछ वाणिज्य विभाग की टीम द्वारा अवैध वसूली की भी बातें सामने आईं हैं. लेकिन ऐसे में टप्पेबाज सक्रिय हो गए हैं. उत्तर प्रदेश के अयोध्या में फर्जी अधिकारी बनकर छापा मार दिया. कई दुकानदारों से वसूली की. सरकार की शिथिलता के कारण ऐसे मामले बढ़ रहे हैं.