बेमौसम बारिश ने छीना किसानों का सुख-चैन, लाखों एकड़ गेहूं की फसल बर्बाद…हैरान करने वाले हैं आंकड़े

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Wheat Crop Loss Data
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Wheat Crop Loss Data : फरवरी में अचनाक तापमान बढ़ने के बाद मार्च की बारिश से शहरों में तो लोगों को राहत मिल गई, लेकिन पिछले एक सप्ताह से किसानों के लिए ये बारिश आफत बनकर बरस रही है. इधर उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और पंजाब में अभी भी मौसम अपना कहर बरपा रहा है. सोमवार को केंद्र सरकार ने भी आधिकारिक पुष्टि कर दी है कि कई राज्यों में इस बारिश ने किसानों की मुसीबतें बढ़ा दी हैं, हालांकि अभी तक नुकसान का वास्तविक आकलन नहीं हो पाया है, लेकिन केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने आश्वासन दिया है कि जैसे ही राज्य सरकारें नुकसान की रिपोर्ट तैयार करके केंद्र सरकार को भेज देंगी, उसी तर्ज पर सरकार अपने राष्ट्रीय आपदा राहत कोष में से किसानों को नुकसान का मुआवजा प्रदान करेगी.

गेहूं की फसल पर सबसे बुरा असर

कृषि विशेषज्ञों की मानें तो तेज बारिश, आंधी और ओलावृष्टि जैसे हालातों से गेहूं की अगेती और पछेती दोनों ही फसलों में भारी नुकसान की संभावना बन जाती है. अगेती फसलें लगभग पककर तैयार हो जाती हैं. इन दौरान गेहूं की फसल का तना हल्का और बालियां भारी हो जाती हैं.

तेज हवा चलने पर खेतों में बिछ जाते हैं. इससे दानों का वजन कम हो जाता है और पशु चारा भी नहीं मिल पाता. कृषि विशेषज्ञों की मानें तो यदि कुछ दिन और मौसम का यही हाल रहा तो गेहूं उत्पादन के साथ-साथ चारा उत्पादन पर भी बुरा असर पड़ेगा. इसमें करीब 25 प्रतिशत तक गिरावट देखी जा सकती है.

इन फसलों में भारी नुकसान : Wheat Crop Loss Data

राज्यों में लगातार चल रही बेमौसम बारिश के कारण गेहूं की फसल में को नुकसान हो ही रहा है, लेकिन इससे भी ज्यादा नुकसान की जद में बागवानी फसलें हैं. वैसे तो ज्यादातर राज्यों में सरसों और चना की फसल कट चुकी है, लेकिन बारिश और ओलावृष्टि से केला, आम और आलू जैसी फसलें नुकसान में जा रही हैंमीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यूपी के कई जिलों में गेहूं, सरसों, चना और अरहर की फसल में 40 प्रतिशत  नुकसान का आकलन किया हया है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पंजाब में भी तेज हवा चलने से 1.5 लाख गेहूं की फसल खेतों में गिरकर बर्बाद हो गई है.

यूपी के किसानों पर टूट मुसीबतों का पहाड़

देश के अलग-अलग राज्यों में हुई बैमौसम बारिश के बाद अब कई रिपोर्ट्स सामने आ रही हैं. उत्तर प्रदेश में भी भारी बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. महोबा, मीरजापुर, प्रयागराज, हमीरपुर, ललितपुर, सोनभद्र और वाराणसी जिलों में अरहर, चना, मटर और मसूर जैसी दलहनी और तिलहनी फसलों में नुकसान देखने को मिला है.बिजनौर और बागपत में बारिश से गेहूं फसल बर्बाद हो गई है. आम के  बागों में बोर आने से उत्साहित किसान अब फफूंद लगने से चिंता में आ गए हैं. वहीं बारिश के बाद खेतों में जल भराव हुआ है. इससे आलू की फसल में भी गलाव की संभावना बनी हुई है.

रोग, कीट लगने का भी बढ़ा खतरा : Wheat Crop Loss Data

बारिश में जो नुकसान हो रहा है. किसान उसे झेल रहा है. इसके अलावा बारिश के बाद भी गेहूं नुकसान होने का खतरा है. इससे गेहूं की पफसल में रोग और कीट लगने का खतरा बढ़ा है. महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले के खेतो में कटी गेहूं-चना व अन्य फसलों के भीगने और खेतों में पानी भरने से किसानों का नुकसान हुआ है. किसानों ने सरकार से फसल बीमा के तहत मुआवजे की मांग की है. वहीं, राजस्थान के बूंदी में भी पफसल को नुकसान हुआ है. उधर, महाराष्ट्र के मराठवाड़ा में 62000 हेक्टयर से अधिक खेती क्षेत्र को नुकसान पहुंचा है. औरंगाबाद, हिंगोली, नांदेड़, बीड, लातूर में किसानों को नुकसान हुआ है.

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