Zakir Naik: इस्लामिक देशों की दम पर चैन की जिंदगी बिता रहा है आतंकवाद का प्रशंसक
इस्लामिक देशों के संरक्षण के कारण जाकिर नाइक (Zakir Naik) अपनी चैन की जिदंगी गुजार रहा है. अभी हाल ही में फीफा वर्ल्ड कप में उसे अतिथि बनाया गया था. कहा जा रहा है कि वह इन दिनों मलेशिया में आराम से रह रहा है. गृह मंत्रालय के अनुसार, जाकिर नाइक आतंकवादियों की प्रशंसा करता रहा है और इस बात की वकालत करता रहा है कि हर मुसलमान को आतंकवादी होना चाहिए, जो उसके भाषणों को आपत्तिजनक बनाता है.
Zakir Naik ने 2016 में छोड़ा भारत मार्च में IRF पर लगा प्रतिबंध
जाकिर नाइक कथित तौर पर साल 2016 में भारत छोड़कर मलेशिया चला गया था, जहां उसे स्थायी निवास प्रदान किया गया. भारत, मलेशिया से उसके प्रत्यर्पण का अनुरोध कर चुका है. 2016 के अंत में, भारत ने नाइक के इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (IRF) को भी निलंबित कर दिया था. भारत के मुताबिक, उसने विभिन्न धार्मिक समुदायों और समूहों के बीच दुश्मनी, घृणा या अन्य नकारात्मक भावनाओं को फैलाने के प्रयास में समूह के सदस्यों को प्रोत्साहित और सहायता की थी.
मार्च 2022 में IRF को एक गैरकानूनी संघ घोषित किया गया और गृह मंत्रालय (MHA) ने पांच साल के लिए इसे गैरकानूनी घोषित कर दिया. गृह मंत्रालय के अनुसार, नाइक ज्ञात आतंकवादियों की प्रशंसा करता रहा है और इस बात की वकालत करता रहा है कि प्रत्येक मुसलमान को आतंकवादी होना चाहिए, जो उसके भाषणों को आपत्तिजनक बनाता है.
भाषण के कारण विवाद में रहा, आतंकवाद की प्रशंसा करता रहा
जाकिर नाइक ने अपने एक भाषण में प्रतिबंधित संगठन मुस्लिम ब्रदरहुड के इस्लामी उपदेशक सलमान औदाह का हवाला देते हुए आत्मघाती हमलों का समर्थन किया था. उसने औदाह को इस्लाम के महान विद्वानों में से एक कहा. उसने कहा कि चरम मामलों में इस्लाम में इस तरह के हमलों की अनुमति दी गई थी. नाइक ने फिलिस्तीन की स्थिति का उदाहरण दिया. रिपोर्ट्स के अनुसार, नाइक ने पाकिस्तानी मंदिर बमबारी का भी बचाव किया. यह तर्क देते हुए कि इस्लामिक देशों को मंदिरों के निर्माण पर रोक लगानी पड़ी.