जब अटल बिहारी बाजपेयी का इलाज करवाया था राजीव गांधी ने

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नई दिल्ली:बात 1987 की है,अटल बिहारी वाजपेयी उन दिनों बीमार चल रहे थे।किडनी में संक्रमण बहुत तेजी से फैल रहा था।उन्होंने अपनी बिमारी का जिक्र बहुत कम लोगों से किया था।भारत में उन दिनों किडनी का इलाज लगभग न के बराबर था।जो धनवान थे अमेरिका तथा यूरोपीय देश जाकर इलाज करवा लेते थे, बाजपेयी जी के पास पैसे का अभाव था इस वजह से वे अमेरिका नहीं जा पा रहे थे,संक्रमण रोज बढ़ता हीं जा रहा था।
एक दिन प्रधानमंत्री राजीव गांधी का एक दूत आकर उनसे मिला और कहा कि प्रधानमंत्री जी आपसे अभी मिलना चाहते हैं।बाजपेयी जी प्रधानमंत्री की बात कैसे काट सकते थे वे दूत के साथ राजीव गांधी के दफ्तर पहुंच गए।
प्रधानमंत्री राजीव गांधी बडी आत्मीयता से बाजपेयी जी से मुल़ाकात की और उनका कुशलक्षेम पूछा।
राजीव गांधी को किसी से बाजपेयी जी की बिमारी के बारे में पता चल चुका था।उन्होंने बाजपेयी जी को कहा कि उन्हें वे संयुक्त राष्ट्र में न्यूयॉर्क जानेवाली भारत के प्रतिनिधिमंडल में शामिल कर रहें हैं।इसके साथ हीं जोडा कि उम्मीद है कि वे इस मौके का लाभ उठाकर वहाँ अपना इलाज भी करा सकेंगे।
तत्कालीन प्रधानमंत्री ने न्यूयॉर्क में सब कुछ सेटल कर दिया था और बाजपेयी जी का इलाज तुरंत शुरू हो गया।
इस घटना का जिक्र मशहूर पत्रकार करण थापर ने अपनी पुस्तक “द डेविल्स एड़वोकेट” में किया है।थापर ने लिखा कि 1991 में राजीव गांधी की हत्या के बाद बाजपेयी ने उनको याद करते हुए पहली बार सार्वजनिक रूप से कहा कि “मैं न्यूयॉर्क गया और इसी वजह से आज जिंदा हूँ।”
राजीव गांधी की मौत के बाद करण थापर के प्रोग्राम “Eyewitness” में अटल बिहारी वाजपेयी ये बात कहते हुए भावुक हो गए थे,तब दूनिया को मरहूम राजीव गांधी की नेकनीयती का पता चला था।

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