लोकसभा स्पीकर के नाम पर फर्जी वॉट्सऐप अकाउंट मामला, ओडिशा से 3 लोगों को किया गिरफ्तार, बरामद किए 19 लाख रुपये 48 मोबाईल हैंडसेट
लोकसभा स्पीकर के नाम पर फर्जी वॉट्सऐप अकाउंट मामला, ओडिशा से 3 लोगों को किया गिरफ्तार, बरामद किए 19 लाख रुपये 48 मोबाईल हैंडसेट
आपने हमेशा से ही सुना होगा हमारे देश में तरह-तरह के फर्जीवाड़े होते हैं, और उनसे ज्यादातर आम आदमी ही प्रभावित होता आया है। लेकिन अब ये फर्जीवाड़ा करने वाले बड़े-बड़े लोगों को भी टारगेट करने लगे हैं। ऐसा ही मामला सुनने आया है हमारे लोकसभा स्पीकर के नाम पर फर्जी वॉट्सऐप अकाउंट बनाने का। जी हां ओम बिड़ला के नाम पर फर्जी वॉट्सऐप अकाउंट बनाकर सांसदों को मैसेज भेजने का मामला सामने आया है। स्पीकर ने खुद ट्वीट कर मामले की जानकारी दी, जिसके बाद से अधिकारी हरकत में आ गए। जिसके बाद ओडिशा से तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
स्पीकर ओम बिड़ला ने इस घटना को लेकर ट्वीट करते हुए लोगों से सावधान रहने की अपील की है। बिड़ला ने लिखा- कुछ शरारती तत्वों ने मेरे नाम से वॉट्सऐप पर फेक अकाउंट बना लिया है, जिसका नंबर 7862092008, 9480918183 और 9439073870 है। इन शरारती तत्वों से आप सावधान रहें।
इस संबंध में शिकायत के बाद ओडिशा पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों के साइबर अपराधियों के साथ लिंक बताए जा रहे हैं। इन तीनो आरोपियों ने किसी गिरोह को पहले से एक्टिव सिम कार्ड बेचे थे और उनमें से एक का इस्तेमाल सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध बिरला की तस्वीर का उपयोग करके नकली ट्सएप अकाउंट बनाने के लिए किया गया था।
ओम बिड़ला के ट्वीट के बाद ओडिशा पुलिस ने नंबर ट्रेस कर 3 आरोपियों को पकड़ा है। इन आरोपियों के पास से 19 लाख रुपए बरामद किए गए हैं। ओडिशा पुलिस के एक अधिकारी ने मीडिया को बताया कि आरोपियों के पास से 48 मोबाइल हैंड सेट और करीब 19 हजार प्री एक्टिव सिम कार्ड भी मिले हैं। सभी से पूछताछ की जा रही है।
ओडिशा पुलिस के अधिकारी ने बताया कि मुख्य आरोपी ओम बिड़ला की तस्वीर लगाकर वॉट्सऐप अकाउंट बनाता था। साथ ही एक ऑनलाइन शॉपिंग अकाउंट भी बनाता था। इसके बाद वो अलग-अलग टेलीकॉम प्रोवाइडर के साथ मिलकर प्री-एक्टिव सिम कार्ड लेता था। प्रत्येक ट्रांजैक्शन पर वो उसे 400 रुपए भी देता था।
बता दें कि पिछले महीने उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू के रूप में एक व्यक्ति ने VIP सहित अन्य लोगों को मैसेज भेजकर रूपये की मदद मांगी थी। तब उनके कार्यालय ने गृह मंत्रालय को अलर्ट किया था।