NRI Day : देश को गति प्रदान करने में कितना हैं अप्रवासी भारतीयों का योगदान, इन्होने कैसे बढ़ाया देश का मान, अप्रवासी भारतीय दिवस पर जाने कुछ खास बातें

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NRI Day

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NRI Day : हम हर 9 जनवरी को अप्रवासी भारतीय दिवस मनाते हैं. इस दिन महात्मा गाँधी जी अफ्रीका से भारत लौटे थे. ऐसे भारतीय नागरिक जो रोजगार या शिक्षा के लिए अस्थायी रूप से 6 महीने के लिए दूसरे देश में चले गए गए हों. इनमें से कुछ भारतीय नागरिक विदेश में ही बस जाते है और उस देश की नागरिकता प्राप्त कर लेते है, ऐसे लोगो को NRI कहा जाता है.

भारतीय मूल के विदेशी नागरिकों के लिए पहली बार साल 2002 में PIO कार्ड को लॉन्च किया गया था. इसका उद्देश्य विदेशों में रह रहे भारतीयों को उनकी थर्ड जेनरेशन से जोड़ना था. OCI कार्ड को 2005 में लागू किया गया था. इसमें PIO कार्ड की तुलना में ज्यादा बेनिफिट दिए गए थे. यह कार्ड जीवनभर के लिए वैलिड था. 2015 में PIO कार्ड स्कीम को भारत सरकार ने वापस ले लिया और इसे OCI में मर्ज कर दिया.

3 बड़े देशों में भारतीय मूल के प्रधानमंत्री, अमेरिका में उपराष्ट्रपति

इस दुनिया के 3 देशों में ब्रिटेन, पुर्तगाल और आयरलैंड में भारतीय मूल के प्रधानमंत्री हैं. ब्रिटेन में ऋषि सुनक, आयरलैंड में लियो वराडकर और पुर्तगाल में एंटोनियो कोस्टा प्रधानमंत्री हैं. इसके साथ ही अमेरिका की उप राष्ट्रपति कमला हैरिस भी इंडियन इंडियन डायस्पोरा में आती हैं. गुयाना के राष्ट्रपति मो. इरफान अली व सूरीनाम के राष्ट्रपति चंद्रिकाप्रसाद संतोखी भी भारतीय मूल के हैं. वहीं लगभग 30 देशों में 285 से ज्यादा सांसद भारतीय मूल के हैं.

परमाणु समझौता कर बढ़ाया भारत का मान : NRI Day

भारत के प्रवासियों ने 2008 के भारत-अमेरिका परमाणु समझौता कराने में सबसे बड़ी भूमिका निभाई थी. उस वक्त इस समझौते का अमेरिकी कांग्रेस में काफी विरोध हो रहा था. लेकिन अमेरिका में प्रवासी भारतीय एक समूह बनकर सरकार के लिए आगे आते हैं. एक-एक करके विरोध करने वाले अमेरिकी सांसदों से मिलकर उन्हें कन्विंस करते हैं. इसके बाद यह समझौता होता है.

महात्मा गाँधी 1915 में अफ्रीका से लौटे थे भारत : NRI Day

भारत सरकार हर साल 9 जनवरी को प्रवासी भारतीय दिवस का आयोजन करती है. दरअसल, महात्‍मा गांधी इसी द‍िन साउथ अफ्रीका से साल 1915 में भारत वापस लौटे थे. महात्‍मा गांधी को सबसे बड़ा प्रवासी माना जाता है, जिन्‍होंने न सिर्फ भारत के स्‍वतंत्रता संग्राम का नेतृत्‍व किया बल्‍कि भारतीयों के जीवन को हमेशा के लिए बदल कर रख दिया.

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