सरकार ने की गजब प्लानिंग, रेलवे स्टेशन का मॉल जैसा मॉडल
Indian Railway Station : अगर देश के किसी भी शहर के रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिलें तो यात्रा करना काफी आसान हो जाता है. मोदी सरकार का मुख्य फोकस इस समय भारतीय रेलवे पर है. देश के रेलवे स्टेशनों को आने वाले समय में इस तरह से डेवलेप किया जाएगा कि लोग उन्हें देखते ही रह जाएंगे. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि प्रधानमंत्री ने ऐसा आईडिया दिया है जिससे लोगों को रेलवे स्टेशनों की छत पर एकदम मॉल जैसा मजा मिलेगा. यहां पर यात्रियों को सभी तरह की हाईटेक सुविधाएं मिलेंगी.पिछले महीन कैबिनेट बैठक में रेलवे स्टेशनों के रिडिवेलपमेंट प्लान का रास्ता साफ हो गया है.
अब रेलवे स्टेशनों की सूरत बदल जाएगी. रेलवे स्टेशनों को एयरपोर्ट की तरह से डेवलेप किया जाएगा. एयरपोर्ट की तरह ही स्टेशन पर न सिर्फ एंट्री और एग्जिट अलग-अलग होंगी बल्कि स्टेशन के बाहरी हिस्सों में लगने वाले जाम से भी लोगों को निजात मिलेगी. वहीं साल 2026 तक देश में बुलेट ट्रेन (Bullet Train) शुरू होने की उम्मीद है.
50 वर्ष आगे की सोच : PM Modi
रेल मंत्री ने बताया कि कैसे प्रधानमंत्री ने शहर के बीचोबीच आकर्षक और संवादात्मक शहरी स्थानों के रूप में रूफ प्लाजा की अवधारणा पेश की. उन्होंने वैष्णव से कहा कि उन्हें 50 साल आगे सोचना है. पीएम मोदी ने शुरुआत में हमें 50 स्टेशनों का लक्ष्य दिया था. मैं उनके पास एक प्रेजेंटेशन लेकर गया और भले ही यह 2 घंटे से अधिक लंबा था, पीएम मोदी संतुष्ट नहीं थे. उन्होंने बाद में शाम को यह कहते हुए फोन किया कि यह डिज़ाइन अभी के लिए उपयुक्त है, लेकिन हमें 50 साल आगे के बारे में सोचना होगा. जो पीएम मोदी की जीवन गाथा को समर्पित एक पहल है.
रेलवे स्टोशनों पर बनेंगे रूफ प्लाजा : Indian Railway Station
रेल मंत्री का कहना है कि प्रधानमंत्री ने बड़ी आसानी से रेलवे स्टेशनों को आधुनिकता के साथ जोड़ने का सुझाव दिया है. उन्होंने बताया कि पीएम मोदी ने कहा था कि रेलवे स्टेशनों पर रूफ प्लाजा बनाए जाएं. इस जगह पर वेटिंग एरिया हो, लोकल प्रोडक्ट्स को बेचने की सुविधा हो, फूड कोर्ट हो, बच्चों के खेलने की जगह हो. उन्होंने बताया कि पीएम मोदी ने रेलवे स्टेशनों को लेकर एक बड़ा सुझाव दिया है.
पीएम ने कहा कि रेलवे स्टेशन आम तौर पर शहर के दो हिस्सों के बीच बने होते हें. जो आपस में एक दूसरे को जोड़ नहीं पाते. ऐसे में स्टेशनों का डिजाइन इस तरह से बनाया जाना चाहिए कि शहर के दोनों हिस्से इससे जुड़ जाएं.