Manipur News : मणिपुर में बेटियों के साथ हुई हिंसा की निगरानी स्वयं करेगा सुप्रीम कोर्ट, ये अधिकारी जांच में शामिल
Manipur News : सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर में जातीय हिंसा के दौरान महिलाओं के खिलाफ हिंसा के सभी मामलों की निगरानी करने का फैसला किया है. सोमवार (7 अगस्त) को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के 3 पूर्व जजों की एक कमेटी का गठन किया है, जिसमें तीनों सदस्य महिला होंगी. ये कमेटी राज्य का दौरा करेगी और वहां की स्थिति के बारे में शीर्ष अदालत को जानकारी उपलब्ध कराएगी.सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र के पूर्व डीजीपी दत्ता पडसालगिकर को महिलाओं के खिलाफ हिंसा के कम से कम 12 मामलों में की जा रही केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की जांच की निगरानी का जिम्मा सौंपा है. इनमें दो कुकी महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाए जाने के वायरल वीडियो का मामला भी है.
सुप्रीम कोर्ट ने लिया था स्वतः संज्ञान : Manipur News
4 मई की भयावह घटना का वीडियो बीती 19 जुलाई को वायरल हुआ था, जिसने पूरे देश को झकझोर दिया था.सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः इस मामले का संज्ञान लिया था और बाद में 28 जुलाई को केंद्र ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी. भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) ने डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा, अदालत द्वारा अनिवार्य स्क्रूटनी ‘जांच में निष्पक्षता’, ‘विश्वास की भावना’ और ‘कानून के शासन’ शुरुआत करेगी.
बाहरी राज्यों के अधिकारी जांच में शामिल
सुप्रीम कोर्ट ने जांच में बाहरी राज्यों को पुलिस अधिकारियों को शामिल करने का आदेश भी दिया है. मणिपुर के बाहर के कम से कम 5 डिप्टी एसपी रैंक के अधिकारी महिलाओं के खिलाफ हिंसा की जांच कर रही सीबीआई टीम से जुड़े रहेंगे. वहीं, सीबीआई के एक संयुक्त निदेशक स्तर का अधिकारी आगे इन जांच पर नजर रखेगा.सीजेआई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने महाराष्ट्र के पूर्व डीजीपी दत्ता पडसालगिकर को जांच की प्रगति की निगरानी करने और समय-समय पर रिपोर्ट पेश करने के लिए प्रभारी नियुक्त करते हुए कहा, “हम एक अतिरिक्त निरीक्षण लेयर चाहते हैं, जो हमें रिपोर्ट करेगी.” पीठ में जस्टिस जेपी पारदीवाल और जस्टिस मनोज मिश्रा भी शामिल थे.