Airforce For G-20 Summit : आसमान के चप्पे-चप्पे पर भारतीय वायुसेना की निगाह, G-20 के लिए ऐसे मिलेगा सुरक्षित माहौल
Airforce For G-20 Summit : भारत की-20 शिखर सम्मेलन का मेजबान है, इसके लिए दुनिया के 20 बड़े देशों के नेता देश की राजधानी दिल्ली में इकट्ठे हो रहे हैं. इसके लिए पूरी दिल्ली की सुरक्षा को हाई अलर्ट मोड पर रखा गया है. राजधानी के चप्पे-चप्पे पर सुरक्षाकर्मी तैनात रहेंगे वहीं दिल्ली के आसमान की सुरक्षा भारतीय वायु सेवा को सौंपी गई है. इसके लिए भारतीय वायुसेना ने विशेष प्लान बनाया है. खबर के मुताबिक वायु सेवा के एक अधिकारी ने बताया कि वायु सेवा किसी भी हवाई खतरे का पता लगाने, ट्रैक करने और उसे बेअसर करने के लिए हाई अलर्ट पर रहेगी भारतीय वायुसेना इतनी शक्तिशाली है कि सैकड़ो किलोमीटर दूर ही किसी खतरे को खत्म कर सकती है.
इसके लिए लड़ाकू विमान जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल और एंटीड्रोन सिस्टम को तैयार किया गया है. राजधानी की कवर सिक्योरिटी के लिए ड्रोन, ग्लाइडर, छोटे विमान, मिसाइल और लड़ाकू विमान तैनात हैं.
इस तरह खतरे को मिटा देगी वायु सेना
पंजाब और हरियाणा सहित दिल्ली के नजदीक एयरबेस पर कुछ लड़ाकू विमानों को ‘ऑपरेशनल रेडीनेस प्लेटफॉर्म’ ड्यूटी पर रखा जाएगा ताकि वे किसी भी स्थिति का जवाब देने के लिए 5 से 7 मिनट में हवाई उड़ान भर सकें.भारतीय वायु सेना के पास सैकड़ों किलोमीटर की दूरी से ही खतरों का पता लगाने और उन्हें ट्रैक करके नष्ट कर देने की क्षमता है. एक वरिष्ठ अधिकारी की देखरेख में आईएएफ का ऑपरेशंस डायरेक्शन सेंटर और नई दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर स्थित संयुक्त कमान और विश्लेषण केंद्र इस हाई प्रोफाइल कार्यक्रम के दौरान दिल्ली के आसमान पर नजर रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.
रोका गया त्रिशूल अभ्यास : Airforce For G-20 Summit
इस बीच वायु सेना ने पश्चिमी सेक्टर में चल रहे त्रिशूल अभ्यास के ऑपरेशन पर रोक लगा दी है. 7 से 10 सितम्बर तक लड़ाई विमान उड़ान नहीं भरेंगे. समाचार एजेंसी एएनआई ने ये जानकारी दी है. वायु सेना अधिकारियों ने बताया है कि केवल त्रिशूल अभ्यास में शामिल विमानों के संचालन को रोका जाएगा और अन्य नियमित उड़ाने जारी रह सकती हैं.रक्षा सूत्रों ने कहा कि इस दौरान भारतीय वायु सेना जी-20 शिखर सम्मेलन के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के हवाई क्षेत्र की सुरक्षा के लिए देश भर के हवाई क्षेत्र पर नजर रखने के लिए अपने फाल्कन अवाक्स विमान का संचालन शुरू करेगी.