अरुणांचल में जंग फाल्स के नाम पर भी हुआ है बड़ा घोटाला
नई दिल्ली:अरुणांचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर से 418 किमी दूर एक टूरिस्ट प्लेस आता है जंग फाल्स जिसके बीच आपको अरुणांचल के कई अच्छे और अनोखे कहानी वाली जगह भी मिलती जाती है चाहे वो सेला पास हो या जसवंत मेमोरियल या बोमडिला,रामकैम्प ये सब आपको बीच मे दिखाई देंगे लेकिन यहां जाते समय ही आप घोटाला ये देखोगे कि पहाड़ पर जो रास्ते बनाये गए हैं उनके खाई की तरफ सुरक्षा के लिए लोहे के मोटे-मोटे पिलर के साथ पट्टी लगाई जाती है जिससे किसी बडी दुर्घटना को रोका जा सके लेकिन आप 418 किमी में देखेंगे तो बहुत ही कम जगह मिलेंगे और खतरनाक जगह पर वो भी नहीं हैं,जबकि सड़क व परिवहन मंत्री जी के अनुसार ये लगाने का पैसा भी सड़क बनाते समय दिया जाता है और दिया गया है मगर ये घोटाला वहां की सरकार ने किया है.
जंग फाल्स बहुत फेमस है जिसके बोर्ड आपको ईटानगर से देखने को मिल जाएंगे कि जंग फाल्स 400 किमी फिर रास्ते मे कई जगह दिखाई देते हैं.
आप वहाँ पहुचने के बाद देखोगे कि वहां गली वाले कुत्ते बाथरूम करते दिखाई देंगे,बड़ी-बडी झाड़ियाँ लगी है जिसमें जंगली जानवर भी हो सकते हैं चारो तरफ बदबू आती है.
एक टॉयलेट बना हुआ जिसकी कभी सफाई किया ही नहीं गया होगा ऐसे देखने मे लगता है जबकि सरकार को इसपर कई करोड़ रुपये मिलते है टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए लेकिन जो वाटर फाल्स शिलांग को पीछे छोड़ सकता है अपनी खूबसूरती को लेकर वहाँ एक भी आदमी जाता नहीं क्योंकि गली वाले कुत्ते और बदबू में कौन जाना चाहेगा.
एक आंकड़े के मुताबिक सरकार का इसपर करीब 10 करोड़ से जादा का पैसा बर्बाद हो चुका है लेकिन अभी वहाँ टूरिस्ट सेक्टर से 1 भी रुपये की कमाई नहीं हुई और न ही वहां कोई दुकान है जिससे आप कुछ खरीद सके.
पूरे अरुणांचल में इसके बड़े-बड़े पोस्टर लगाए गए हैं जिसपर भी सरकार काफी पैसा खर्चा करती है विज्ञापन को लेकर लेकिन जंग फाल्स यानि दूसरा नाम कहें तो नूरांग फाल्स की हालत बहुत खराब है.लोगों के मुताबिक शुरुआत में लोग आते जाते थे वहाँ लेकिन वहाँ सरकार ने ध्यान देना बंद कर दिया मगर केंद्र से उसके नाम पर पैसा लेना बंद नहीं किया और घोटाले की भेंट चढ़ा दिया जंग फाल्स को.
इसकी खूबसूरती इतनी अच्छी कि शब्दो मे लिख पाना आसान नहीं,घूमने वाले लोग इसे जरूर देखना चाहेंगे अगर इसे सही से बना दिया जाए तो ये शिलांग को भी पीछे छोड़ सकता है कमाई के मामले में क्योंकि 100 मीटर से जादा ऊंचाई से ठंडा पानी गिरता है जो देखने मे और शरीर के लिए भी काफी अच्छा है.