बाल विवाह को लेकर एक्शन मे असम के मुख्यमंत्री, भड़क गए सासंद
असम में बाल विवाह (Child Marriage)पर बड़े पैमाने पर कार्रवाई की गई. पुलिस ने शुक्रवार (3 फरवरी) को अवैध करार दी गई इस तरह की शादियां करवाने वाले हिंदू और मुस्लिम पुजारियों सहित 2,044 लोगों को गिरफ्तार किया. असम पुलिस के मुताबिक उनके पास इस मामले में पास 8,000 आरोपियों की सूची है. राज्य में आगे भी ये अभियान जारी रहेगा.
पुलिस ने बीते 24 घंटे में बाल विवाह के मामले में 2044 लोगों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार होने वालों में दूल्हे और उसके परिवार के लोगों के साथ ही शादी कराने वाले पंडित और मौलवी भी शामिल हैं. इसे बाल विवाह के खिलाफ राज्य में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई कहा जा रहा है. ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के चीफ, मौलाना बदरुद्दीन अजमल ने इस कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं.सांसद बदरुद्दीन अजमल ने पुलिस की इस पूरी कार्रवाई पर सवाल खड़े करते हुए इसे मुस्लिम विरोधी बताया.
क्या है पूरा मामला?(Child Marriage)
23 जनवरी को मुख्यमंत्री हेमंत शर्मा के नेतृत्व में असम कैबिनेट ने बाल विवाह के खिलाफ कार्रवाई करने को लेकर फैसला लिया था. सीएम सरमा ने बाल विवाह को जघन्य और अक्षम्य अपराध बताते हुए इसके खिलाफ कार्रवाई की बात कही थी. इसके साथ ही एक बड़ा बदलाव कानून में यह भी किया गया था कि 14 साल से कम उम्र में लड़की की शादी करने के मामले पॉक्सो एक्ट लगाने को मंजूरी दी गई.
चुनाव के मद्देनजर हो रहा है सब, सरकार पर आरोप
उन्होंने बीजेपी पर धर्म के आधार पर बंटवारा करने का आरोप लगाया. अजमल ने कहा, ”इलेक्शन सामने आ रहा है. बीजेपी शासित जितने राज्य हैं, उन सबमें कुछ न कुछ गुल खिलाए जाएंगे. हिंदू मुस्लिम में बंटवारा करने की कोशिश की जाएगी.” उन्होंने आगे कहा कि हम खुद इसके खिलाफ हैं कि 18 साल के पहले शादी न हो लेकिन इसके लिए आप लोगों को जिंदगी भर के लिए जेल में डाल देंगे. ये मुनासिब नहीं है.अजमल ने कहा कि पहले सबको समझाइए. उन्होंने सवाल किया कि सरकार ने पहले जागरूकता अभियान क्यों नहीं शुरू किया? सीधे जेल भरो क्यों शुरू कर दिया. अजमल ने कहा कि हमारे सीएम कभी-कभी ख्वाब देखते हैं कि बहुत दिन हो गए मुसलमानों को नहीं सताया. फिर वह जागते हैं और नई-नई योजनाएं बनाते हैं.
महिलाएं भी कर रहीं हैं विरोध : Child Marriage
इस बीच राज्य में महिलाएं अपने पति और बेटों की गिरफ्तारी के विरोध में बड़ी संख्या में सामने आईं. पीटीआई के मुताबिक माजुली जिले के 55 वर्षीय निरोदा डोले ने कहा, “केवल पुरुषों को ही क्यों लिया जाए? हम और हमारे बच्चे कैसे जिंदा रहेंगे? हमारे पास आमदनी का कोई साधन नहीं है.”मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने 28 जनवरी को कहा था, “अगले 5-6 महीनों में हजारों पतियों को गिरफ्तार किया जाएगा क्योंकि 14 साल से कम उम्र की लड़की के साथ यौन संबंध बनाना अपराध है, भले ही वह कानूनी तौर से विवाहित पति ही क्यों न हो.