कोन थे डेसमंड टूटू: जानिए क्या रही उनके देहांत की वजह
नई दिल्ली: डेसमंड टूटू, एक एंग्लिकन आर्कबिशप, जिसने दक्षिण अफ्रीका की नस्लवादी नीतियों को समाप्त करने के लिए एक वैश्विक अभियान का नेतृत्व किया और फिर देश के घावों को भरने में मदद की, का निधन हो गया है. वह नब्बे साल का था.
केप टाउन में श्री टूटू की मृत्यु की पुष्टि दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा के एक बयान में हुई, जिन्होंने यह नहीं बताया कि इसका कारण क्या था.श्री टूटू को 1997 में प्रोस्टेट कैंसर का पता चला था और हाल के वर्षों में उन्हें बार-बार अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
रंगभेद के कट्टर विरोधी, काले लोगों के दमन वाले दक्षिण अफ्रीका के क्रूर शासन के खात्मे के लिए टूटू ने अहिंसक रूप से अथक प्रयास किए. टूटू दक्षिण अफ्रीकी लोगो के लिए तो एक ICON है ही,लेकिन इसके साथ वह विश्व भर में लोकप्रिय थे.यह टूटू ही है जिसके काम की चर्चा उनके जाने के बाद भी पूरा विश्व कर रहा है.
टूटू के निधन का दुख भारत के प्रधानमंत्री ने भी जताया, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा:
आज टूटू के देहांत के चलते भारत vs दक्षिण अफ्रीका के मैच में भी उन्हें श्रंधांजलि देते हुए मैच की शुरुवात से पहले 2 मिनिट का मौन रखा गया.साउथ अफ्रीकी खिलाड़ी उनको श्रंधाजली देते हुए मैच के दौरान आज काली पट्टी भी पहनी.