इण्डिया में New Startup कैसे शुरू करें? Complete Guide
भारत एक तेजी से बढती हुई अर्थव्यवथा है। हाल ही के कुछ वर्षों में भारत ने बहुत तेज गति से तरक्की की है.। इण्डिया में स्टार्टअप शुरू करना उतना आसान नहीं जितना दिखाई प्रतीत होता है। New Startup शुरू करने के लिए आपको कुछ बातों का ध्यान रखना जरुरी होता है। इस लेख के माध्यम से आपको स्टार्टअप की सही एवं पूर्ण जानकारी दी जा रही है।
किसी भी बिजनेस को शुरू करने से पहले जरूरत होती है एक अच्छे आइडिया की जो बिजनेस का रूप धारण कर सके। भारत में अभी भी ज्यादातर बिजनेस स्वयम रोजगार के तहत ही चल रहे है। यही कारण है कि वे सभी बिजनेस कोई बड़ा आकार नहीं बना पाए. स्टार्टअप कलचर ने बिजनेस करने के तरीकों को पूर्ण रूप से बदल दिया है। स्टार्टअप (Start A Startup) के तरीकों को अपना कर कम समय में मिलिनयर बना जा सकता है।
Zerodha एक ऐसा ही स्टार्टअप है जो कम समय में बहुत तेजी से बढ़ा और सफल बिजनेस के रूप में परिवर्तित भी हुआ। जिरोधा के फाउंडर कामत ने स्टार्टअप के तरीकों से ही इसे इतना बड़ा बिजनेस बनाया। आइये जानते है कि किसी स्टार्टअप को शुरू करने के लिए किन किन बातों का ध्यान रखना आवश्यक होता है।
1. प्रथम चरण: आइडिया को बिजनेस बनाना (Start A Startup)
- किसी भी स्टार्टअप को शुरू करने का पहला चरण उस स्टार्टअप का आइडिया होता है। आप किसी प्रोब्लम का हल निकाल कर उसे स्टार्टअप के माध्यम से बिजनेस आइडिया में बदल सकते है।
2. दूसरा चरण: बिजनेस रजिस्ट्रेशन (Start A Startup)
- स्टार्टअप का दूसरा चरण होता होता है अपने आइडिया को अब एक लीगल रूप प्रदान करना। भारत में इसके लिए कई तरह के रजिस्ट्रेशन मौजूद है। आपके लिए कौनसा बिजनेस रजिस्ट्रेशन आवश्यक है इसके लिए आप लीगलमेट लाॅ फर्म का सहारा ले सकते है ( लीगलमेट भारत की सबसे भरोसेमंद व्यवसायिक लीगल सर्विस प्रदान करने वाली लाॅ फर्म है)। हम आपको कुछ बिजनेस एंटिटी के बारें में सुझाव दे रहें है.सम्पूर्ण जानकारी हेतु लीगलमेट की वेबसाइट > https://legalmateindia.com/ पर विजिट करें।
- (क). सिंगल ओनरशिप कंपनी ( One Person Company) :
- यदि आप बिजनेस में अकेले ओनर बनना चाहते है तब आपके लिए OPC रजिस्ट्रेशन एक अच्छा विकल्प रहेगा परन्तु ध्यान रहें कि 2 करोड़ टर्नओवर के बाद आपको OPC को प्राइवेट लिमिटेड में परिवर्तित करना होगा।
- (ख)
लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप (Limited Liability Partnership Registration) :
- लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप का मतलब एक ऐसा व्यवसाय है जिसमें न्यूनतम दो सदस्यों की आवश्यकता होती है और सदस्यों की अधिकतम संख्या की कोई सीमा नहीं होती है। एलएलपी के सदस्यों की देयता सीमित है। यदि आप किसी के साथ पार्टनरशिप में बिजनेस स्टार्ट करने की सोच रहें है तो आपके लिए LLP Registration एक बढ़िया आप्शन है। लेकिन LLP में फंडिंग को लेकर थोडा अड़चन आती है।
(ग) प्राइवेट लिमिटेड कंपनी (Private Limited Company)
- भारत में ज्यादातर बिजनेस कंपनी रजिस्ट्रेशन एक्ट 2013 के तहत रजिस्टर हुए है। प्राइवेट लिमिटेड कंपनी (PVT LTD Company) में फंडिंग भी आसानी से मिल जाती है। सबसे आसान और सबसे पसंदीदा बिजनेस एंटिटी (Business Entity) यही है. आप एक लाख की कैपिटल से शुरुआत कर सकते है.
3. तीसरा चरण : ब्रांड रजिस्ट्रेशन (ट्रेडमार्क या पेटेंट रजिस्ट्रेशन)
यह भी एक अहम चरण है। किसी भी बिजनेस की आत्मा उसके ब्रांड यानि बिजनेस मार्क में होती है। भारत में आज भी ऐसे कई बिजनेस है जो ट्रेडमार्क को लेकर जागरूक नहीं और वो इसका खामियाजा उठाते है। बिजनेस रजिस्टर करने के बाद उसके ब्रांड यानी ट्रेडमार्क को रजिस्टर जरुर कराये। यदि आप किसी मशीन या कोई ऐसा उत्पाद जिसको आपने खोजा है या बनाया है तो उसका पेटेंट जरुर अपने नाम दर्ज करा ले। ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन के लिए आप लीगलमेट को हायर कर सकते है क्योकि लीगलमेट के पास अनुभवी ट्रेडमार्क एटोर्नी एवं अनुभवी वकील है जो आपको ट्रेडमार्क और पेटेंट को रजिस्टर कराने में मदद कर सकते है।
4. चौथा चरण : एक अनुभवी टीम का गठन
रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद आपको अब टीम बनाने पर काम करना होगा. आपको एक ऐसी टीम की जरुरत है जो उस क्षेत्र में आपसे ज्यादा अनुभवी हो, तेजतरार हो एवं वर्क होलिक हो। एक अच्छी टीम ही आपके आइडिया को सफल बनाती है।
5. पांचवा चरण : बिजनेस की लांचिंग
टीम बनने के बाद बात आती है लांचिंग की, लेकिन आप सोच रहें होंगे कि ऑफिस की बात क्यों नहीं कि गयी? हम आपको बताना चाहते है कि किसी भी बिजनेस के लिए ऑफिस की आवश्यकता नहीं होती और इस बात को जिरोधा ने सच करके दिखाया है। इसलिए लांचिंग का महत्व होता है. किसी बड़े रेस्तरां या होटल में लांचिंग करें.।