India China Face off: भारत के जवानों के मुकाबले कहाँ ठहरती है चीनी सेना,क्या है झड़प का कारण जानिए पूरा विवाद

India China Face off :Tawang Aarunachal Border
भारतीय सेना और चीनी जवानों के बीच तवांग में झड़प (India China Face off) की ख़बर सामने आई है. सेना का कहना है कि इस झड़प में दोनों ओर से सैनिक घायल हुए हैं. गलवान की घाटी के संघर्ष के बाद अब तवांग में दोनों देशों के बीच झड़प हुई है. चीन अपनी चालबाजी से बाज आने का नाम ही नहीं ले रहा है. पहले पूर्वी लद्दाख और तवांग में झड़प हुई.
1962 में मात देकर अब तक हावी होने का प्रयास करता है चीन : India China Face off
1962 की जंग में जीत के बाद से चीन लगातार भारत पर हावी रहने का प्रयास करता रहा है. हालांकि, 1962 से लेकर अब तक स्थिति में बहुत बदलाव आ गया है. अब भारत 1962 वाला भारत नहीं है। भारत का कद कूटनीतिक रूप से काफी महत्वपूर्ण हो गया है. अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी समेत यूरोप के कई देश भारत की कूटनीति का लोहा मानते हैं. वहीं, आर्थिक मोर्चे पर भारत की स्थिति काफी मजबूत हुई है.

पहाड़ी जंग में चीन को जल्दी ही धूल चटा सकता है भारत : India China Face off
फ़िलहाल तो युद्ध की स्थित नहीं है लेकिन तवांग में भारत ऊंचाई पर तैनात है. ऐसे में हमें चीन के मुकाबले बढ़त हासिल है. तवांग में पेट्रोलिंग के लिए दोनों देशों की अपनी मानी हुई सीमाएं हैं. ऐसे में इस जगह पर अक्सर दोनों देशों के बीच तनाव देखने को मिलता है. हालांकि, भारतीय सेना को ऊंचाई वाले क्षेत्रों में तैनाती का बेहतर अनुभव है. हाई एल्टीट्यूड पर वॉर के मामले में भारतीय जवानों की कुशलता चीनी सैनिकों के मुकाबले बेहतर है. भारतीय सैनिक अधिक बर्फीले इलाकों में तैनाती और युद्ध की स्थिति की स्थिति के अनुरूप खुद को ढालने में बेहद ही सक्षम है. ऐसे में चीन के मुकाबले भारत को बढ़त हासिल है.
हर स्थित के लिए तैयार है भारत,सेना है मजबूत
चीन के साथ सीमा विवाद के बीच भारत ड्रैगन से मुकाबले के लिए पूरी तरह से तैयारी कर रहा है. भारत का रक्षा बजट अब दुनिया में तीसरे स्थान पर है. सेना को लगातार विदेशी और स्वदेशी अत्याधुनिक हथियारों से लैस किया जा रहा है. एक्टिव सैनिकों के मामले में भारत दुनिया में चौथे स्थान पर है. भारत लगातार अपनी सैन्य क्षमता में बढ़ोतरी कर रहा है. पूर्वी लद्दाख में विवाद के बीच भारत ने चीन से सटी सीमा पर हाई फ्रीक्वेंसी एयर डिफेंस सिस्टम, लेजर गाइडेट अत्याधुनिक मिसाइलें, मॉर्डन ड्रोन, आर्टिलरी गन, अत्याधुनिक कार्बाइन, पहाड़ी और दुर्गम स्थानों के अनुरूप तैयार टैंक को भी तैनात किया है. इतना ही नहीं बॉर्डर पर सर्विलांस बढ़ाने के लिए सेना को लेटेस्ट हार्डवेयर से भी लैस किया जा रहा है.