India Renamed as Bharat! President Of Bharat पर मचा बवाल, पक्ष विपक्ष एक दूसरे पर कर रहे तंज
India Renamed as Bharat : देश का नाम भारत होना चाहिए या इंडिया इसको लेकर बहसों, तर्कों और प्रतीकों की राजनीति का सिलसिला जारी है. इन सब के बीचे प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया, भारत की राष्ट्रपति हो गईं हैं तो वहीं प्राइम मिनिस्टर ऑफ इंडिया, भारत के प्रधानमंत्री हो गये हैं. हाल ही में जी20 सम्मेलन के दौरान राष्ट्रपति भवन में आयोजित डिनर के लिए भेजे गए निमंत्रण में ‘प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया’ की जगह ‘प्रेसिडेंट ऑफ भारत’ लिखा होने पर देश का नाम बदले जाने को लेकर अफवाहें तेज हो गई हैं. फिलहाल विपक्ष लगातार इसका विरोध करते नजर आ रहा है.
मुलायम सिंह यादव ने मुख्यमंत्री रहते हुए की थी नाम बदलने की कोशिश
समाजवादी पार्टी के संस्थापक और पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय मुलायम सिंह यादव ने आज से तकरीबन 20 साल पहले 2004 में उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री रहने के दौरान विधानसभा में इंडिया का नाम बदलने के लिए प्रस्ताव लाया था. उस समय मुलायम सिंह यादव ने इंडिया का नाम भारत करने के लिए एक प्रस्ताव उत्तर प्रदेश की विधानसभा में लाया और इसे सर्वसम्मति से पास कराया था.इस प्रस्ताव के तहत समाजवादी पार्टी के संस्थापक रहे स्वर्गीय मुलायम सिंह यादव ने संविधान के भाग-1 के अनुच्छेद-1 में ‘इंडिया दैट इज भारत’ के स्थान पर ‘भारत दैट इज इंडिया’ करने के लिए संशोधन करने के लिए केंद्र सरकार के पास इस प्रस्ताव को भेजा था. फिलहाल समाजवादी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी का कहना है कि मुलायम सिंह हमेशा से ही एक देश एक नाम के पक्षधर रहे हैं.
क्यों शुरू हुआ नाम पर विवाद : India Renamed as Bharat
ये विवाद तब शुरू हुआ जब 8 से 10 सितंबर के बीच होने वाली जी20 देशों की बैठक के दौरान 9 सितंबर को भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देश के गणमान्य लोगों को एक निमंत्रण पत्र भेजा. इस पत्र में प्रेसिडेंट ऑफ भारत लिखा हुआ था. इसके बाद विपक्ष ने इस नाम को लेकर सरकार पर राजनीतिक तीर छोड़ने शुरू कर दिये. इन सब के बीच विदेश मंत्रालय ने भी पीएम मोदी के इंडोनेशिया दौरे पर प्राइम मिनिस्टर ऑफ भारत लिख दिया.
संसद के विशेष सत्र को लेकर क्यों आशंकित हैं विपक्ष दल?
जी20 समिट खत्म होने के बाद सरकार ने 18 से 23 सितंबर तक के लिए संसद का विशेष सत्र आयोजित होना है. इस सत्र का एजेंडा सरकार ने अभी तक सार्वजनिक नहीं किया है जिसको लेकर विपक्षी दलों में आशंका है. कभी विपक्षी दल अनुमान लगा रहे हैं कि सरकार यूसीसी लेकर आ सकती है तो कभी वह कह रहे हैं कि सरकार संविधान में संशोधन कर इंडिया की जगह भारत कर सकती है.