Indian Army Weapon : चीन से तनातनी के बीच भारतीय सेना को मिलेगा ये घातक हथियार, जानिए क्या है प्रोजेक्ट जोरावर
भारतीय सेना को समय-समय पर आधुनिक हथियार (Indian Army Weapon) दिए जाते हैं. रक्षा मंत्रालय ने 85000 करोड़ के सैन्य प्रस्तावों को हरी झंडी दिखा दी है. इस प्रस्ताव में भारतीय थल सेना का प्रोजेक्ट जोरावर भी शामिल है. जोरावर के तहत देश में ही बनने वाले लाइट टैंक भी शामिल हैं.
पूर्वी लद्दाख पर और मजबूत होगी भारतीय सेना : Indian Army Weapon
थल सेना के लिए प्रोजेक्ट जोरावर के तहत देश में ही बनने वाले लाइट-टैंक भी शामिल हैं. भारतीय सेना ये हल्के टैंक खासतौर से पूर्वी लद्दाख से सटी LAC पर तैनात करना चाहती है.
पूर्वी लद्दाख में LAC पर चीन के खिलाफ हल्के-टैंक के लिए भारतीय सेना ने प्रोजेक्ट-जोरावर शुरू किया है. इस प्रोजेक्ट के तहत स्वदेशी लाइट टैंक लेने की तैयारी है. खास बात ये है कि लाइट टैंक के प्रोजेक्ट का नाम जम्मू-कश्मीर रियासत के पूर्व कमांडर, जोरावर सिंह के नाम रखा गया है, जिन्होंने 19वीं सदी में चीनी सेना को हराकर तिब्बत में अपना परचम लहराया था.
हल्के टैंक में शामिल हैं कई अत्याधुनिक फीचर : Indian Army Weapon
प्रोजेक्ट जोरावर के तहत हल्के टैंकों में भारी टैंक की तरह ही फायर पावर तो होगी ही साथ ही आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) युक्त ड्रोन से भी लैस होंगे. ये हल्के टैंक ऊंचे पहाड़ों से लेकर दर्रों तक से भी निकल सकते हैं. आपको बता दें कि चीन ने पूर्वी लद्दाख से सटी LAC पर पहले से ही लाइट टैंक तैनात कर रखे हैं. भारतीय सेना ने भी टी-72 टैंक यहां तैनात किए हैं, लेकिन अब तेज मूवमेंट के लिए भारतीय सेना प्रोजेक्ट जोरावर के तहत लाइट टैंक लेना चाहती है.
कौन थे जोरावर सिंह जिन्होंने तिब्बत में घुसकर चीन को हराया था
जोरावर सिंह जम्मू-कश्मीर रियासत के कमांडर थे. उन्होंने 1841 में तिब्बत में घुसकर चीनी सेना को हराया था. चीनी सेना को हराने के बाद जोरावर सिंह अपने सैनिकों के साथ हिंदुओं के पवित्र तीर्थ-स्थल कैलाश मानसरोवर गए थे. इसके बाद जोरावर सिंह के सैनिक चीनी झंडे तक लेकर भारत आ गए थे. भारतीय सेना की मौजूदा जम्मू कश्मीर राइफल (जैक रिफ) रेजीमेंट अपने को जोरावर सिंह की सेना का ही वंशज मानती है.