इतिहास में पहली बार वैज्ञानिकों ने उगाया चंद्रमा की मिट्टी में फूल का पौधा

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इतिहास में पहली बार वैज्ञानिकों ने उगाया चंद्रमा की मिट्टी में फूल का पौधा

इतिहास में पहली बार वैज्ञानिकों ने उगाया चंद्रमा की मिट्टी में फूल का पौधा

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इतिहास में पहली बार वैज्ञानिकों ने उगाया चंद्रमा की मिट्टी में फूल का पौधा

चंद्रमा पर जीवन है या नहीं इस बात का पता वैज्ञानिकों ने अलग तरीके से लगाया है। वैज्ञानिकों दिखाया है कि चंद्र मिट्टी में सफेद फूलों वाला एक छोटा पौधा विकसित करना संभव है। हालांकि यह प्रयोग अभी पृथ्वी पर किया गया है। इस नई खोज से उम्मीद जगी है, कि शायद भविष्य के मिशनों के दौरान चंद्रमा पर पौधे उगाए जा सकते हैं। वैज्ञानिकों का दावा है कि चंद्रमा पर भोजन उगाया जा सकता है और वह भोजन पृथ्वी के फल और सब्जियों से भी अधिक स्वास्थ्यवर्धक हो सकता है।

आपको बता दें कि नासा के अपोलो 11, 12 और 17 मिशनों द्वारा चांद की मिट्टी धरती पर लाई गई है। अब इसी मिट्टी में वैज्ञानिकों ने खेती की है। फ्लोरिडा विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने यह प्रयोग किया है। फ्लोरिडा विश्वविद्यालय के खाद्य और कृषि विज्ञान संस्थान के रॉबर्ट फेरल ने कहा, ‘अपोलो चंद्र रेजोलिथ में उगाए गए पौधे ट्रांसक्रिप्टोम पेश करते हैं। जो चांद को लेकर किए जा रहे तमाम रिसर्च को एक नई पॉजिटिव दिशा दे रहे हैं। इससे साबित होता है कि पौधे चांद की मिट्टी में सफलतापूर्वक अंकुरित और विकसित हो सकते हैं।’

बता दें कि चांद की मिट्टी को लूनर रेजोलिथ भी कहा जाता है। जो पृथ्वी पर पाई जाने वाली मिट्टी से मौलिक रूप से अलग होती है। अपोलो 11, 12 और 17 मिशनों के दौरान चांद से मिट्टी लाई गई थी, जिनमें पौधे लगाए गए हैं। रॉबर्ट फेरल और उनके सहयोगियों ने चंद्रमा की मिट्टी में अरबिडोप्सिस का बीज लगाए थे। इसमें सारे बीज अंकुरित हो गए।

खैर, अभी चांद की जिस मिट्टी में पौधे उगाए गए हैं, वो दो वैक्यूम सील्ड डिब्बों में चंद्रमा से जमीन पर लाए गए थे। इनके बारे में एक स्टडी कम्यूनिकेशंस बायोलॉजी जर्नल में प्रकाशित हुई है। जिसमें स्पष्ट तौर पर लिखा है, कि चांद की मिट्टी में पहली बार फूल वाले पौधों को उगाया गया है। हालांकि इस मिट्टी में धरती का पानी और हवा मिलाई गई थी।

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