जम्मू कश्मीर के अलगाववादी नेता यासिन मलिक ने कोर्ट के सामने अपने आरोप स्वीकार किया

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जम्मू कश्मीर के अलगाववादी नेता यासिन मलिक ने कोर्ट के सामने अपने आरोप स्वीकार किया

जम्मू कश्मीर के अलगाववादी नेता यासिन मलिक ने कोर्ट के सामने अपने आरोप स्वीकार किया

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जम्मू कश्मीर के अलगाववादी नेता यासिन मलिक ने कोर्ट के सामने अपने आरोप स्वीकार किया

जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के चीफ मोहम्मद और जम्मू कश्मीर का अलगाववादी नेता यासीन मलिक ने आखिरकार दिल्ली में कोर्ट के सामने अपने सभी गुनाहों को कबूल कर लिया है। इसके साथ ही UAPA के तहत दर्ज मामलों को भी स्वीकार कर लिया है। कोर्ट के द्वारा अब 19 मई को इस मामले में फैसला सुनाया जाएगा। जिन धाराओं में यासीन के खिलाफ मामला दर्ज है, ऐसे में उसको अधिकतम आजीवान कारावास की सजा मिल सकती है।

खबरों की माने तो यासीन मलिक ने मान लिया है कि वो आतंकी गतिविधियों में शामिल था, उसने आपराधिक साजिशें भी रची थीं और उस पर लगीं देशद्रोह की धारा भी सही हैं। यासीन पर जो UAPA के तहत धाराएं लगी हैं, उसे भी उसने स्वीकार कर लिया है।

आपको बता दें कि कश्मीर में युवाओं को भड़काने से लेकर एयरफोर्स अधिकारियों की हत्या, हाफिज सईद के साथ मुलाकात, तत्कालीन गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी के अपहरण में भूमिका ऐसे कई आरोप यासीन मलिक पर लगे हैं। इन सभी आरोपों को यासिन मलिक ने मंगलवार को दिल्ली की अदालत में UAPA के तहत दर्ज अधिकांश मामलों में अपने सभी आरोप स्वीकार कर लिए। इतने सारे गुनाह करने के बाद भी यासिन लंबे समय तक खुला घूमता रहा। जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी और अन्य गैरकानूनी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए धन जुटाने के मकसद से दुनिया भर में उसने एक अपना नेटवर्क स्थापित कर लिया था। अगर बात करे यासिन के गुनाहों की तो इसकी लिस्ट बहुत लंबी है।

यूएपीए की धारा 16 (आतंकवादी गतिविधि), 17 (आतंकवादी गतिवधि के लिए धन जुटाने), 18 (आतंकवादी कृत्य की साजिश रचने), व 20 (आतंकवादी समूह या संगठन का सदस्य होने) और भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश) व 124-ए (देशद्रोह) के तहत खुद पर लगे आरोपों को यासीन ने चुनौती देने से मना कर दिया है। विशेष न्यायाधीश 19 मई को मलिक के खिलाफ लगाए गए आरोपों के लिए सजा के संबंध में दलीलें सुनेंगे, जिनमें अधिकतम सजा आजीवन कारावास है।

 

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