Manipur Violence : मणिपुर में लीबिया और लेबनान जैसे हालात, बोले- रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल
Manipur Violence : मणिपुर में करीब डेढ़ महीने बाद भी हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है. केंद्र और राज्य सरकार की शांति की अपील के बावजूद मणिपुर में मैतेई और कुकी जनजाति के बीच जातीय हिंसा जारी है. इस बीच पूर्व आर्मी चीफ जनरल (रिटायर्ड) वेद प्रकाश मलिक ने मणिपुर की स्थिति पर तत्काल ध्यान देने की अपील की है. पूर्व आर्मी चीफ ने मणिपुर में रहने वाले एक पूर्व सैन्य अधिकारी के ट्वीट की तरफ सरकार का ध्यान दिलाया है.
मणिपुर को उसके हाल पर छोड़ दिया गया
लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) निशिकांत सिंह ने मणिपुर की स्थिति को लेकर एक ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने कहा कि “मैं मणिपुर का एक साधारण नागरिक हूं, जो रिटायरमेंट के बाद अपनी जिंदगी जी रहा है. राज्य अब स्टेटलेस है. जीवन और संपत्ति को किसी भी समय कोई भी खत्म कर सकता है, जैसे लीबिया, लेबनान, नाइजीरिया, सीरिया में हो रहा है.
ऐसा लगता है कि मणिपुर को उसके अपने हाल पर छोड़ दिया गया है. क्या कोई सुन रहा है ?”निशिकांत सिंह के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए पूर्व आर्मी चीफ ने लिखा, मणिपुर के एक सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल का एक असाधारण दुखद कॉल. मणिपुर में कानून और व्यवस्था की स्थिति पर उच्चतम स्तर पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है.
3 मई को शुरू हुई थी हिंसा : Manipur Violence
मणिपुर में 3 मई को कुकी जनजातीय समुदाय की रैली के बाद हिंसा भड़क उठी थी. ये रैली राज्य के बहुसंख्यक मैतेई समुदाय को जनजातीय दर्जा देने के विरोध में बुलाई गई थी. राज्य में अब तक हिंसा के चलते 100 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं, जबकि 300 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. 10 हजार से ज्यादा लोगों के घर जलाए जा चुके हैं. राज्य में भारी मात्रा में संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया है.