अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का तीसरा फेज शुरू, मई तक पूरा हो जाएगा चबूतरे का काम,
अयोध्या : उत्तर प्रदेश स्थित अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का तीसरा चरण शुरू हो गया है.24 जनवरी को अयोध्या के रामजन्मभूमि में चबूतरे के लिए ग्रेनाइट पत्थरों के बिछाने के साथ मंदिर निर्माण का तीसरा चरण शुरू हुआ.
मंदिर की मजबूती को ध्यान में रखते हुए दक्षिण भारत के सबसे मजबूत प्राकृतिक ग्रेनाइट का इस्तेमाल करने का निर्णय लिया गया है. मंदिर के चबूतरे के निर्माण में 5 फीट x 2.5 फीट x 3 फीट आकार के लगभग 17,000 पत्थरों का उपयोग किया जा रहा है. हर पत्थर का वजन लगभग 2.50 टन है. ग्रेनाइट पत्थर बिछाने का काम इस साल मई तक पूरा होने की संभावना है.
मंदिर निर्माण में डिजिटल इंस्ट्रूमेंटेशन का इस्तेमाल मंदिर में तीर्थयात्रियों के लिए सुविधा केंद्र, संग्रहालय, अभिलेखागार, रिसर्च सेंटर, सभागार, गौशाला, यज्ञ शाला, प्रशासनिक भवन आदि का भी निर्माण प्रस्तावित है. मंदिर के अलावा अन्य भवनों का काम भी अप्रैल 2022 तक शुरू किया जाएगा.
मंदिर के सुरक्षा मानकों पर नजर रखने के लिए डिजिटल इंस्ट्रूमेंटेशन का इस्तेमाल किया जा रहा है. इन उपकरणों के डेटा का उपयोग लोडिंग, भूकंप आदि के संबंध में स्टडी करने के लिए किया जा रहा है.
मंदिर का निर्माण कार्य प्लान के अनुसार चल रहा है. दिसंबर 2023 तक भक्तों को भगवान श्री राम के दर्शन का अवसर मिल सकेगा, सुप्रीम कोर्ट के 9 नवंबर, 2019 के फैसले के आधार पर, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को फरवरी 2020 में अयोध्या में श्री राम मंदिर निर्माण का कार्य करने के लिए सौंपा गया था.
ट्रस्ट ने नृपेंद्र मिश्रा के अध्यक्ष के रूप में एक निर्माण समिति का गठन किया, मंदिर निर्माण का काम लार्सन एंड टुब्रो को सौंपा गया है, और परियोजना की निगरानी टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स कर रहे हैं, इसमें गर्भ गृह और पांच मंडपों वाला तीन मंजिला मंदिर बनाया जा रहा है,
तीर्थयात्रियों के लिए विभिन्न सुविधाओं के लिए 57 एकड़ के परिसर के साथ मंदिर निर्माण का क्षेत्र लगभग 10 एकड़ है।