अरुणाचल प्रदेश में बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं पेमा खांडू,स्कूलों की हालत देखिये

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घोटालों का प्रदेश बन चुका है अरुणांचल प्रदेश, लगातार दिखाए जा रहे हैं ग्राउंड से न्यूज़

नई दिल्ली:अवध टीवी लगातार अरुणाचल प्रदेश में सरकार के सभी कराये गये कामों को दिखाने की कोशिश कर रही है और अभी तक आपको बिजली विभाग में बड़ा घोटाला दिखाया है और आज आपको हम स्कूल विभाग का घोटाला भी दिखाने जा रहे हैं.

2021 से 2022 तक 1000 करोड़ रुपये शिक्षा के लिए रखा गया है पेमा खांडू सरकार ने

हम आपको अरुणांचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर के स्कूलों की हालात दिखाना चाहते हैं कि वहाँ पेमा खांडू सरकार ने बच्चों के भविष्य के साथ कैसे खिलवाड़ किया हुआ है,स्कूल बिल्डिंग की हालत ऐसे है कि बारिश में पानी सीधी रूम में गिरता है बच्चों की किताब पर यानी छत ही टूटा हुआ है और बैठने की व्यवस्था भी नहीं है.

बारिश का पानी सीधे बच्चों की किताब पर गिरता हुआ
बारिश का पानी सीधे बच्चों की किताब पर गिरता हुआ

महिला सुरक्षा बहुत बड़ा मुद्दा है तो स्कूल में टॉयलेट ही नहीं है और गलती से एक जो बने हैं उसमें पानी ही नहीं है तो उसकी हालत ऐसे है कि उसमें घुसने के बाद आप कई बड़ी बीमारी के शिकार हो सकते है.
हम बात कर रहे हैं ‘P’ sector secondary school की जो राजधानी में बना हुआ है.

ये स्कूल का बाथरूम है जिसमे बच्चे टॉयलेट जाने से डरते हैं
ये स्कूल का टॉयलेट है जिसमें जाने से डरने लगे हैं बच्चे

स्कूल के टीचर से पूछने पर बोलते हैं कि वो DC को बताते हैं लेकिन वो उसपर ध्यान नहीं देते,स्कूल की सुरक्षा के लिए जो सुरक्षाकर्मियों पर जिम्मेदारी दी गई है उनको 30 साल से सैलरी ही नहीं मिली और स्कूल के टीचर लोग उनके घर मे जाकर बाथरूम करते हैं क्योंकि स्कूल में कुछ है ही नहीं.
बिल्डिंग कभी भी गिर सकती है ऐसे उसके हालात है और ये सब राजधानी ईटानगर की बात है.बच्चो से बात करने पर उन्होंने बताया कि सर हमें स्कूल की हालत देखकर शर्म आता है कि हम कहाँ पढ़ने आते हैं और उन्होंने बताया कि बाहर के अन्य राज्यों में सरकारी स्कूल कितने अच्छे हैं और मेरे यहाँ कितने खराब.

कमरे में बहता हुआ बारिश का पानी
कमरे में बहता हुआ बारिश का पानी

बाकी अन्य ऐसे जगह है जहां नेटवर्क ही नहीं आता कभी तो वहां 2 साल कोरोना की वजह से बंद हुआ स्कूलों में ऑनलाइन पढ़ाई कैसे करवा दिया पेमा जी ने जब बच्चों के पास मोबाइल फोन ही नहीं और जिनके पास है तो नेटवर्क नहीं.
अगर इस तरीके से प्रदेश में बड़ा घोटाला होता रहा तो बच्चों का भविष्य बड़े खतरे में जाने वाला है.

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