Ramcharitmanas : रामायण पर सियासत पक्ष और विपक्ष में बयान, स्वामी प्रसाद मौर्य क्या बोले

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Swami Prasad Maurya

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Ramcharitmanas Controversy: पार्टी बदलते ही चरित्र भी बदल जाता है. समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता और यूपी के पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य इन दिनों सबके निशाने पर हैं. रामचरितमानस (Ramcharitmanas) को लेकर विवादित बयान के बाद न सिर्फ विरोधी बल्कि उनकी पार्टी के नेता भी खिलाफ हो गए हैं. यूपी बीजेपी अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी (Bhupendra Chaudhary) ने तो एक कदम आगे बढ़कर उन्हें विक्षिप्त तक कह दिया. अब इस विवाद के बीच पहली बार स्वामी प्रसाद मौर्य की प्रतिक्रिया आई है.

यूपी बीजेपी अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी के बयान पर समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने लखनऊ में कहा, “उन्होंने जितनी भी अशुभ बातें की है वो उन्हें मुबारक. बता दें कि इससे पहले मुरादाबाद में भूपेंद्र चौधरी ने कहा था कि “स्वामी ” प्रसाद मौर्य जैसे लोग विक्षिप्त हैं और अखिलेश यादव को बताना चाहिए ये उनकी पार्टी का विचार है या स्वामी प्रसाद का निजी विचार हैं. सपा हमेशा देश विरोधी लोगों के साथ खड़ी रही.”

स्वामी प्रसाद मौर्य ने Ramcharitmanas पर दिया था ये विवादित बयान

बता दें कि समाजवादी पार्टी के एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य ने रविवार को कहा था, “रामचरितमानस की कुछ पंक्तियों में जाति, वर्ण और वर्ग के आधार पर यदि समाज के किसी वर्ग का अपमान हुआ है तो वह निश्चित रूप से धर्म नहीं है, यह ‘अधर्म’ है, जो न केवल बीजेपी बल्कि संतों को भी हमले के लिए आमंत्रित कर रहा है.” मौर्य ने कहा था, “रामचरित मानस की कुछ पंक्तियों में जातियों के नामों का उल्लेख है जो इन जातियों के लाखों लोगों की भावनाओं को आहत करती, ये वही स्वामी प्रसाद हैं जो भाजपा में थे तो सुबह उठकर रामायण पढ़ते थे.

बिहार से शुरू हुआ सिलसिला

दरअसल बिहार के शिक्षामंत्री ने रामायण को नफरत फैलाने वाला ग्रंथ कहा था, धर्म ग्रंथ को जानने वाले लोग कहते हैं कि जो लोग टिप्पणी करते हैं वे वास्तविकता नहीं समझते हैं. यह अवधी में लिखी गई है. अर्थ का अनर्थ कर रहे हैं लोग.

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