बिहार का युवा कैसे मिट्टी से निकलकर आसमान छू सकता है, सबूत हैं विवेक आनंद
हीरो बनने का ख़्वाब कौन नहीं पालता? कौन नहीं चाहता, दौलत, शोहरत? । हज़ारों या कहें लाखों युवा मुंबई की गुमनाम गलियों में एक ही सपना लेकर आते हैं, वो सपना है बड़ा नाम कमाने का। लेकिन जहाँ पहले से कुछ ख़ास परिवारों का दबदबा हो, वहाँ पर अपनी पहचान बनाना कितना आसान होगा सोचिए। पर सलाम है उन युवाओं को जो लाख परेशानियों के बाद भी बिहार, यूपी से ट्रेन में जनरल का टिकट लेकर मुंबई पहुँचते हैं और अपनी मेहनत के दम पर ख़ुद की पहचान बनाते हैं। मनोज बाजपेयी, पंकज त्रिपाठी, नवाजुद्दीन सिद्दीकी जैसे कलाकारों ने ये दिखाया है, कि वो ज़मीन से कैसे आसमान का सफर तय कर सकते हैं। मुंबई में ऐसा ही सपना लेकर आए विवेक आनंद जो आज कई फ़िल्मों में काम कर चुके हैं, उनसे बात की हमारी वरिष्ठ संवाददाता रानी तिवारी ने। पेश है उनसे बातचीत के कुछ संपादित अंश।
सवाल- आप अभी किन प्रॉजेक्ट पर काम कर रहे हैं? अब तक कितनी फ़िल्मों में आपने काम किया?
जवाब- सबसे पहले तो आपको दिल से शुक्रिया, कि आपने मुझे लायक समझा इंडस्ट्री से जुड़े सवाल पूछने के लिए। फ़िलहाल मैं एक प्रॉजेक्ट पे काम कर रहा हूँ, लेकिन मेरी दो फ़िल्मों कि शूटिंग पूरी हो चुकी है। तीसरी फ़िल्म “जोगी कि जोगन” ऑन फ्लोर बहुत जल्द जाने वाली है, जिसे राजेश जायसवाल जी प्रोड्यूस कर रहे हैं।
सवाल- जब से OTT प्लेटफार्म आया है, वेब सीरीज़ का क्रेज़ बढ़ा है। अब तक आपने किन किन TV शो या वेब सीरीज़ में काम किया?
जवाब- देखिए मैंने इंडस्ट्री मे शुरूआत टीवी शो से ही किया। मैंने कई टीवी शो में कैमियो रोल प्ले किया है, और जहाँ तक रही वेब सीरीज़ कि बात, तो अभी हाल में मैंने एक वेब सीरीज़ की शूटिंग पूरी कि है, जिसका नाम बहुत जल्द मैं आप लोगों के साथ साझा करूँगा।
सवाल- आपको क्या लगता है आज के इस दौर में जहाँ सोशल मीडिया से स्टार बन रहे हैं, अभिनय करने के लिहाज से इसे किस नजरिये से देखते हैं?
जवाब- एक छोटा सा सवाल आपसे आप फ़िल्म मोबाइल में देखना पसन्द करते हैं या थियेटर में? जहाँ तक मुझे लगता है कि आपको थियेटर में जाकर ही फ़िल्म देखना पसन्द होगा? ये बहुत अच्छी बात है कि आजकल लोग सोशल मीडिया से स्टार बन रहे हैं, लेकिन आप जानते हैं कि फ़िल्म इंडस्ट्री में आना कितना मुश्किल होता है, वो भी बतौर एक्टर काम करना। सबसे पहले थियेटर करो या फिर एक्टिंग ट्रेनिंग लेना। फिर अलग अलग जगहों पर ऑडिशन्स, उसके बाद सालों साल कि मेहनत, “सोशल मीडिया ने ये सब काम आसान कर दिया है” ।
सवाल- आप अपने बारे में कुछ बताएं, ख़ासकर अपने बचपने के बारे में! आप अपने परिवार के बारे में भी कुछ बताएँ?
जवाब- मैं बिहार के बेगुसराय के एक छोटे से गाँव में पैदा हुआ। आज भी जैसे छोटे बच्चे तमाम सपनों से दूर अपने बचपने का मज़ा ले रहे होंगे कभी मैंने भी लिया। चूंकि एक किसान परिवार में पैदा हुआ तो, ज़िम्मेदारियां और बचपन में बाबू जी के साथ खेत में काम करना कोई बड़ी बात नहीं है। लेकिन मेरे पिता जी ने मुझे आगे बढ़ने का मौका दिया, उन्होंने मुझे अच्छी शिक्षा दी, साथ ही मुंबई आने के लिए मुझे रोका नहीं, बल्कि मेरा साथ दिया। आज जो कुछ हूँ उसमें परिवार का बहुत योगदान है।
सवाल- बिहार के बेगूसराय से निकल कर ऐक्टिंग की दुनिया में आने का फ़ैसला क्यों? आपको क्या लगता है आप 10 साल बाद ख़ुद को कहाँ देखते हैं?
जवाब- बचपन से ही थियेटर का माहौल मिला है, थियेटर देखने का मौका मिलता रहा, देख देख कर सीखा और देखने से ही प्रेरणा मिली, कि मैं भी ऐक्टर बनूँ। हर किसी कि चाहत होती है, कि उसे अपनी मंज़िल मिले। मेरी भी ख़्वाहिश है कि 10 साल बाद फ़िल्म इंडस्ट्री मे बतौर अभिनेता कामयाब रहूँ और लोगों का प्यार मिले।
सवाल- अभिनय के क्षेत्र में क्या नया किया जा सकता है? क्या क्या बदलाव होने चाहिए आपके हिसाब से?
जवाब- हम सभी वर्ल्ड सिनेमा को फॉलो करते हैं और सीखते हैं। ख़ासकर आप जानते हैं कि जब यहाँ कि फ़िल्में देखते है और एक हॉलीवुड कि फ़िल्म देखते हैं तो आपको एक अंतर नज़र आता है। अभी हमें बहुत कुछ करने कि ज़रूरत है। मुझे लगता है कि आने वाले दिनों में बहुत कुछ बदल जाएगा। अभिनय का तरीका, फ़िल्मों का कॉन्सेप्ट सब कुछ।
सवाल- ऐसा कभी हुआ है कि आप अभिनय की वज़ह से मुसीबत में पड़े हों? कोई शरारत जो आप शेयर करना चाहे
जवाब- हा, हा नहीं, मैं चाहता हूँ लोगों कि नज़र में मेरी छवि अच्छी रहे, छवि ख़राब ना हो इस चीज़ से डर लगता है। शरारात के बगैर तो हमारा काम ही नहीं होता। पर मैं कुछ नहीं बताऊँगा।
सवाल- क्या कभी आपने किसी से प्यार किया? अभी आप सफल हो रहे हैं क्या लगता है मेरा इंतकाम देखेगी वाला फीलिंग आती है क्या?
जवाब- हाँ किया है अपनी फैमिली से। जैसे जैसे सफलता मिलती है हैप्पी वाली फिलिंग आती है, इंतकाम जैसा कुछ नहीं है। आप क्यों फंसाना चाहते हैं…हा, हा।
सवाल- स्कूल, कॉलेज से जुड़ा कोई किस्सा शेयर करें। आप अपने किसी मित्र का ज़िक्र करना चाहें जो आपका जिगरी रहा हो।
जवाब- स्कूल तक कि पढ़ाई मैंने अपने गाँव से की। कॉलेज कि पढ़ाई भी जी डी कॉलेज बेगूसराय से पूरी की। दोस्तों के बिना तो आप कुछ कर ही नहीं सकते, ऐसा मेरा मानना है मैं बहुत खुशनसीब हूँ कि मेरे दोस्तों का सहयोग हमेशा मिला है और उम्मीद है आगे भी मिलता रहेगा।
सवाल- फ़िल्म इंडस्ट्री में आपका कोई आयडियल है? और अगर है तो क्यों?
जवाब- अमिताभ बच्चन मेरे आयडियल हैं, क्योंकि आज के दौर मे भी वो टाईम से पहले सेट पे होते हैं, को ऐक्टर को अच्छा रेस्पॉन्स देते हैं, शांत रहते हैं, किताबें पढ़ते हैं और सबसे ख़ास बात “उनकी नज़रों में कोई स्टार नहीं है उनकी नज़र मे हर काम करने वाला व्यक्ति स्टार है” इन्ही बातों कि वजह से मैं उन्हें अपना आइडियल मानता हूँ।