India China Clash : भारत चीन विवाद पर संसद में भिड़ी सरकार और विपक्ष,कॉंग्रेस सहित अन्य दलों का वॉक आउट
अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) के तवांग में भारत और चीन के सैनिकों की झड़प के मुद्दे पर आज बुधवार (14 दिसंबर) को भी लोकसभा में हंगामा हुआ. कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) के नेतृत्व में कांग्रेस के लोकसभा सांसदों और तृणमूल कांग्रेस (TMC) के सांसदों ने सदन से वॉकआउट कर दिया. विपक्ष भारत-चीन सीमा मुद्दे (India China Clash) पर चर्चा की मांग रहा था. बुधवार को जैसे ही प्रश्नकाल समाप्त हुआ, कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने भारत-चीन सीमा स्थिति पर चर्चा की मांग की.
कॉंग्रेस नेता अधीर रंजन ने दिया पूर्व प्रधानमंत्री का उदाहरण : India China Clash
अधीर रंजन ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 1962 में भारत-चीन युद्ध पर लोकसभा में चर्चा की अनुमति दी थी. अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि हम भारत-चीन सीमा स्थिति पर चर्चा की मांग करते रहे हैं. 1962 में, जब भारत-चीन युद्ध हुआ था, जवाहरलाल नेहरू ने इस सदन में 165 सांसदों को बोलने का मौका दिया था. इसके बाद तय किया गया था कि हमें क्या करना है. आज सरकार चर्चा ही नहीं करना चाहती है.
लोकसभा स्पीकर ने क्या जबाब दिया,जो विपक्ष वॉक ऑउट कर गया
अधीर रंजन के प्रस्ताव का जबाब देते हुए स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में इस पर फैसला लिया जाएगा. स्पीकर ने जैसे ही सदन की कार्यवाही आगे बढ़ाई, कांग्रेस के साथ-साथ टीएमसी ने विरोध में वॉकआउट किया और सरकार पर भारत-चीन सीमा मुद्दे पर चर्चा की अनुमति नहीं देने का आरोप लगाया. टीएमसी सदस्य सुदीप बंद्योपाध्याय ने भी सदन में चर्चा की मांग उठाते हुए कहा कि उनकी पार्टी के सदस्य सरकार के रवैये के विरोध में वॉकआउट कर रहे हैं.
पहले ही जबाब दे चुके हैं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह : India China Clash
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में कहा कि भारतीय सेना के जवानों ने 9 दिसंबर को अरुणाचल के तवांग सेक्टर के यांग्त्से क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) का उल्लंघन करने से चीनी सेना को मुंहतोड़ जवाब दिया है.
सिंह ने कहा कि मैं सदन को आश्वस्त करना चाहता हूं कि कोई भी भारतीय सैनिक नहीं मारा गया और न ही गंभीर रूप से घायल हुआ है. मैं सदन को यह भी विश्वास दिलाता हूं कि हमारी सेना देश की क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा कर सकती है. हमारी सेना किसी भी अतिक्रमण से निपटने के लिए तैयार है. मुझे दृढ़ विश्वास है कि सदन इसका समर्थन करेगा.
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