Chhattisghar : क्या है श्याम घुनघुट्टा परियोजना, क्यों धरने पर बैठे हैं सरगुजा जिले के किसान
छत्तीसगढ़ (Chhattisghar) के सरगुजा जिले में प्रशासन द्वारा लगभग 3 दशक पहले एक डैम का निर्माण कार्य कराया गया था. यही श्याम घुनघुट्टा डैम या श्याम घुनघुट्टा परियोजना है. डैम के लिए जल संसाधन विभाग द्वारा किसानों की भूमि अधिग्रहण की गई थी. इसके बदले में उन्हें कई प्रलोभन दिए गए थे. लेकिन किसान ठगे गए. उनको किए गए वादे में से एक भी पूरा नहीं हुआ.
भूमि अधिग्रहण के बदले क्या था जल संसाधन विभाग का ऑफर : Chattisghar
श्याम घुनघुट्टा परियोजना के निर्माण के समय ग्राम सखौली (नवापारा) सहित दो से तीन गांव के सैकड़ों ग्रामीणों को जिला प्रशासन के द्वारा 1991 में विस्थान, मुआवजा सहित परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की बात कही गई थी. लेकिन आज तक 68 ग्रामीणों को नौकरी और जिला प्रशासन द्वारा दिए गए जमीन का मालिकाना हक नहीं दिया गया है. इसकी वजह से ग्रामीण तंबू लगाकर पिछले एक सप्ताह से अपनी मांग को लेकर धरने पर बैठे हैं और प्रशासन से अपनी मांगों को जल्द पूरा करने की गुहार लगा रहे हैं.
धरने पर बैठे किसानों की यह है मुख्य मांगे : Chhattisghar
परियोजना से जुड़े तमाम किसानों से बात की गई. प्रभावित ग्रामीण शिव कुमार का कहना है कि जिन जमीन का पट्टा हमको दिया गया वो कभी मिली ही नहीं. उस जमीन को दूसरे लोग कर रहे हैं. कब्जा कराने में भी कोई सहयोग नहीं है. यह जमीन उनको विस्थापित होने के लिए दी गई थी. शासन से उनकी मांग है कि जल्दी ही इसका निराकरण करे.
एक अन्य ग्रामीण ने बताया कि विस्थापित परिवारों का मकान बनवाने के लिए वादा किया गया था. साथ ही लाइट और चिकित्सा की सुविधाएं देने का वादा भी किया गया था. 1990-1991 में इस डैम का निर्माण हुआ था. उस समय सभी किसानों को फसल का मुआवजा दिया गया था. सभी ग्रामीण इस बात से परेशान हैं कि दूसरे के नाम की जमीन उन्हें क्यों दी गई.
क्या कहता है सरगुजा जिले का प्रशासन, पढ़िए उनका पक्ष
इस प्रकरण में वहाँ के एसडीएम प्रदीप कुमार साहू ने बताया कि जो किसान आंदोलन, धरना प्रदर्शन में बैठे हुए हैं. उनके द्वारा कुछ पट्टे दिखाए जा रहे हैं. पट्टे के रिकॉर्ड से पुष्टि भी हो रही है कि पट्टा जारी हुआ है.लेकिन वो पट्टा निजी भूमि पर जारी हुआ है.जल संसाधन विभाग की ओर से बताया जाता है कि उसका अधिग्रहण किया गया था.इसके दस्तावेजों को खोजने का प्रयास कर रहे है.जिससे ये पुष्टि हो जाए कि उसका अधिग्रहण हुआ था. फिर इस मामले का निराकरण कर लिया जाएगा.