गीता के 5 सबसे लोकप्रिय श्लोक जो हर इंसान के जीवन में भर सकते हैं ज्ञान का प्रकाश, जानें भावार्थ

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गीता के 5 सबसे लोकप्रिय श्लोक जो हर इंसान के जीवन में भर सकते हैं ज्ञान का प्रकाश, जानें भावार्थ

गीता के 5 सबसे लोकप्रिय श्लोक जो हर इंसान के जीवन में भर सकते हैं ज्ञान का प्रकाश, जानें भावार्थ

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गीता के 5 सबसे लोकप्रिय श्लोक जो हर इंसान के जीवन में भर सकते हैं ज्ञान का प्रकाश, जानें भावार्थ

Popular Gita Slokas: धार्मिक मान्यता है कि भगवत गीता (Bhagavad Gita) सभी वेदों (Vedas) का सार है. भगवान श्रीकृष्ण (Lord Krishna) ने अर्जुन (Arjuna) को उपदेश दिया था.

भगवत गीता के 5 लोकप्रिय श्लोक और भावार्थ

कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन
मा कर्मफलहेतुर्भुर्मा ते संगोस्त्वकर्मणि

भावार्थ- इस श्लोक के माध्यम से श्रीकृष्ण अर्जुन से रहते हैं कि व्यक्ति को सिर्फ कर्म पर अधिकार है. इसलिए मनुष्य को चाहिए कि फल की चिंता किए बिना कर्म करता रहे. जो व्यक्ति फल की अभिलाषा से कर्म करता है वह ना तो उचित कर्म कर पाता है और ना ही उस फल को प्राप्त कर पाता है.

 

वासांसि जीर्णानि यथा विहाय
नवानि गृह्णाति नरोपराणि
तथा शरीराणि विहाय जीर्णा
न्यन्यानि संयाति नवानि देही

 

भावार्थ- गीता के इस श्लोक में आत्मा के बारे में बताया गया है. श्रीकृष्ण अर्जुन से कहते हैं कि जिस प्रकार मनुष्य पुराने वस्त्रों का त्याग पर नए वस्त्र धारण करता है, उसी प्रकार आत्मा पुराने शरीर का त्याग कर नए शरीर को धारण करती है. इसलिए ज्ञानी मनुष्य को किसी के मरने का शोक नहीं करना चाहिए.

 

नैनं छिन्दन्ति शस्त्राणि नैनं दहति पावकः
न चैनं क्लेदयन्त्यापो न शोषयति मारुतः

 

भावार्थ- भगवत गीता के इस श्लोक में आत्मा के बारे में बताया गया है. भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन से कहते हैं कि आत्मा को ना तो शस्त्र काट सकता है और ना ही अग्नि जला सकती है. साथ ही आत्मा को ना तो पानी गला सकता है और ना ही हवा सुखा सकती है.

 

यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत
अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्‌

 

भावार्थ- भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन से कहते हैं कि इस धरती पर जब-जब धर्म की हानि होती है और अधर्म का बढ़ने लगता है तब-तब वे अवतरित होते हैं.

 

परित्राणाय साधूनाम् विनाशाय च दुष्कृताम्
धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे-युगे

 

भावार्थ- गीता के इस श्लोक का भावार्थ है कि साधु और सज्जनों की रक्षा के लिए भगवान श्रीकृष्ण हर युग में जन्म लेते हैं. इसके अलावा दुष्टों के विनाश और धर्म की स्थापना के लिए श्रीकृष्ण प्रत्येक युग में जन्म लेते हैं.

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