केरला हाईकोर्ट ने दी लव जिहाद पर अहम फैसला महिला को मिली मुस्लिम पति के साथ रहने की इजाजत
Kerala HC Love Jihad Case | केरला हाईकोर्ट का लव-जिहाद केस में आया अहम फैसला महिला को दिया उसके मुस्लिम पति के साथ रहने की इजाजत, घरवालो ने लगाया था पति पर आरोप कि बेटी को अवैध रूप से हिरासत में रखा हैं।
Kerala HC Love Jihad Case-
Kerala High Court On Love Jihad Case| केरला हाईकोर्ट में लव-जिहाद से संबन्धित एक केस सामने आया, जिसमें महिला के परिवार जनो ने महिला के पति पर आरोप लगाया कि उनकी बेटी को उसके मुस्लिम पति ने कैद करके अवैध रूप से रखा हैं। महिला सऊदी अरब में एक नर्स का कार्य करती हैं।
ईसाई महिला के डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (DYFI) के एक मुस्लिम नेता के साथ शादी करने के फैसले में हस्तक्षेप करने से हाईकोर्ट ने साफ इनकार कर दिया। जबकि परिवार वालो ने इसे लव जिहाद बताया हैं।
जस्टिस वीजी अरुण और जस्टिस सीएस सुधा की बेंच ने ज्योत्सना मैरी जोसेफ से बातचीत करने के बाद कहा,कि मेरी बात मैरी जोसेफ से हुई हैं, उसने बताया हैं, कि मुझे अवैध रूप से कब्जा करके नहीं रखा गया हैं। मैं अपनी मर्जी से शेजिन के साथ हूँ और मुझपर शादी के लिए किसी तरह का दवाब नहीं बनाया गया हैं। मैं अभी अपने परिवारवालों से बात नहीं करना चाहती हैं।
कोर्ट ने महिला के परिवार को बताया कि महिला ने कहा है कि वह अपनी शादी के बाद उनसे मिलना जरूर चाहती हैं। और इसके लिये उसने स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत एक आवेदन भी दायर किया है। जो विचाराधीन है और वह तब तक उनसे नहीं मिलेगी। जबतक ये एक्ट कोर्ट द्वारा मंजूर नहीं कर लिया जाता हैं।
कोर्ट के इस फैसले की राजनितीक रूप से निंदा की जा रही हैं, क्योकि रिश्तेदारो का कहना हैं, कि ये एक लव-जिहाद का केस हैं। और कोर्ट इसमें हस्तक्षेप नहीं करना चाहती हैं। जबकि कोर्ट का कहना हैं, कि उनकी बेटी 26 साल की हैं और वो अपने फैसले खुद ले सकती हैं तथा इस बात पर वो अड़िग हैं। कि उसें किसी ने बाध्य नहीं किया हैं।