India China Face off : भारत का साथ देगा अमेरीका, व्हाइट हाउस से सामने आया बड़ा बयान

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India China Face off

USA President : Joe Biden

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अरुणाचल प्रदेश के तवांग में 9 दिसंबर को झड़प हुई. झड़प की ख़बर मीडिया को 13 दिसम्बर को मिली. झड़प में दोनों ओर के सैनिक घायल हुए हैं. भारतीय सेना के जवानों ने चीनी सेना के हौसले पस्त कर दिए थे. चीनी सैनिकों को बॉर्डर से ऐसे खदेड़ दिया जैसे किसान अपने खेत से आवारा पशुओं को खदेड़ देता है. इस झड़प (India China Face off ) से लेकर अमेरीका से भी बड़ी प्रतिक्रिया आई है.

क्या है दोनों देशों के विवाद की वजह :India China Face off

वसुधैव कुटुम्बकम वाले भारत के लिए विवाद का कोई मुद्दा नहीं है. हम अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं. चीन की सामंतवादी नीतियों के कारण ये विवाद होता है. एक समय में चीन की कोई भी सीमा भारत से नहीं लगती थी. और आज का समय है कि चीन और भारत के बीच देश हैं ही नहीं. अगर नेपाल को छोड़ दिया जाए. चीन के आगे भारत तनकर खड़ा है. सबकी तरह भारत झुकता नहीं है. यही कारण है इस विवाद का. भारत ने चीनी सेना की विस्तार वाली नीति पर ताला लगा दिया है.

India China Face off पर क्या बोला अमेरीका

संयुक्त राज्य अमेरिका की ओर से इस झड़प को लेकर बड़ी प्रतिक्रिया सामने आई है. तवांग में हुई झड़प को लेकर अमेरिका ने कहा कि चीन उकसावे की कार्यवाई कर रहा है. अमेरिका ने दो टूक कहा कि वह इस मुद्दे पर भारत के साथ हैं अमेरिका अपने मित्र देशों के साथ सदैव खड़ा होता है. अमेरीका ने कहा कि यह जानकर खुशी हुई कि दोनों देश जल्दी ही पीछे हट गए हैं. प्रेस कांफ्रेंस में व्हाइट हाउस सचिव ने कहा कि अमेरिका इस विवाद की बारीकी से निगरानी कर रहा है. अमेरीका ने कहा कि दोनों देशों को मौजूदा संसाधनों का उपयोग कर द्विपक्षीय वार्ता से यह विवाद सुलझाना चाहिए.

इस झड़प को लेकर क्या बोले भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

इस बीच, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में कहा कि भारतीय सेना के जवानों ने 9 दिसंबर को अरुणाचल के तवांग सेक्टर के यांग्त्से क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) का उल्लंघन करने से चीनी सेना को मुंहतोड़ जवाब दिया है.

सिंह ने कहा कि मैं सदन को आश्वस्त करना चाहता हूं कि कोई भी भारतीय सैनिक नहीं मारा गया और न ही गंभीर रूप से घायल हुआ है. मैं सदन को यह भी विश्वास दिलाता हूं कि हमारी सेना देश की क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा कर सकती है. हमारी सेना किसी भी अतिक्रमण से निपटने के लिए तैयार है. मुझे दृढ़ विश्वास है कि सदन इसका समर्थन करेगा.

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