MP के गुना में शिकारी और पुलिस वालों के बीच मुठभेड, 3 पुलिसकर्मी की मुठभेड़ में मौत…
MP के गुना में शिकारी और पुलिस वालों के बीच मुठभेड, 3 पुलिसकर्मी की मुठभेड़ में मौत
मध्य प्रदेश के गुना में काला हिरण के शिकार की घटना थमने का नाम ही नहीं ले रही है। ये शिकारी इतने आताताही हो चुके हैं कि इन्होनें पुलिस पर हमाला कर 3 लोगों को मौत के घाट उतार दिया है। बात दें कि जानकारी के मुताबिक पुलिसकर्मियों को काले हिरण के शिकार की सूचना मिली थी। मौके पर पहुंची पुलिस और शिकारियों के बीच मुठभेड़ हुई। इसमें शिकारियों ने तीन पुलिसवालों की गोली मारकर हत्या कर दी।
आपको बता दें कि खबर मिली थी आरोन के जंगल में 4 काले हिरण और 1 मोर का शिकार किया गया है। जिसके बाद पुलिसकर्मी शिकारियों को पकड़ने के इरादे से थाना आरोन थाना क्षेत्र के सगा बरखेड़ा गांव पहुंचे। जहां शिकारियों ने पुलिस वालों पर ताबड़तोड़ फायरिंग की। इस फायरिंग में 3 पुलिस वाले जिसमें से एक सब-इंस्पेक्टर राजकुमार जाटव, हेड कॉन्स्टेबल संतराम मीणा और कॉन्स्टेबल नीरज भार्गव की घटनास्थल पर मौत हो गई।
मध्यप्रदेश में शिकारी हिरण नहीं पुलिसकर्मीयों का शिकार कर रहे है शिवराज के राज में!
MP: गुना में शिकारियों ने पुलिस पर किया हमला, SI समेत 3 पुलिसकर्मियों की गोली मारकर हत्या, https://t.co/YUGfBfnt9q— Surendra Rajput (@ssrajputINC) May 14, 2022
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है, साथ ही उच्चस्तरीय बैठक की। गुना में वारदात को लेकर सीएम शिवराज की ओर से बुलाई गई इस आपात बैठक में गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा समेत वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। इसके अलावा गुना प्रशासन के बड़े अधिकारी भी इस बैठक में वर्चुअली मौजूद रहे।
गुना के एसपी राजीव मिश्रा ने इस बात की जानकारी दी है कि शिकारी मोटरसाइकिल से जंगल में शिकार करने गए थे। लौटने के दौरान उनका सामना आरोन थाने की पुलिस से हो गई। दोनों तरफ से फायरिंग हुई, जिसमें तीन पुलिसवालों की मौत हो गई। फायरिंग में ड्राइवर भी गंभीर रूप से घायल है। शिकारियों ने पुलिस वालों की रायफल भी लूट ली और साथ ले गए। तीन पुलिसवालों की हत्या की सूचना के बाद पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया है।
यह घटना शुक्रवार-शनिवार देर रात की बताई जा रही है। पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है। आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में काले हिरण का शिकार पूरी तरह से प्रतिबंधित है। राष्ट्रीय पक्षी मोर के शिकार पर भी बैन है। इसके बावजूद धड़ल्ले से शिकार किया जा रहा था।